अकेलापन बढ़ा सकता है Dementia का खतरा, इन तरीकों से करें इससे बचाव

अक्सर हम सुनते हैं कि अकेलापन हमें भीतर से खोखला बनाने लगता है। अकेलेपन का मतलब अकेले रहना नहीं है। अकेलापन उस कंडीशन को कहते हैं, जब हमें किसी के साथ की जरूरत होती है और इमोश्नल लेवल पर वह जरूरत पूरी नहीं हो पाती है। इसके कारण हमारी मेंटल हेल्थ पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके बारे में आप जानते ही होंगे, लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी इसके और भी गंभीर और खतरनाक परिणामों पर रोशनी डालती है।

क्या कहती है स्टडी?
नेचर मेंटल हेल्थ में पब्लिश हुई यह स्टडी कहती है कि अकेलेपन के कारण डिमेंशिया का खतरा 31 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इस स्टडी के मुताबिक, अकेलापन डिमेंशिया के दूसरे रिस्क फैक्टर्स, जैसे- स्मोकिंग जितना ही खतरनाक है। इसलिए अकेलापन दिमाग को काफी गहरा नुकसान पहुंचा सकता है। यहां हम इस बारे में और विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे। आइए जानें।

डिमेंशिया क्या है?
डिमेंशिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें ब्रेन सेल्स डिजेनरेट होती है, जिसके कारण याददाश्त, सोचने और फैसला लेने की क्षमता कम हो जाती है। कई फैक्टर डिमेंशिया के विकास में भूमिका निभाते हैं, जिनमें उम्र, जेनेटिक्स और लाइफस्टाइल शामिल हैं। हाल ही में, शोधकर्ताओं ने अकेलेपन को डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर में से एक के रूप में पहचाना है।

कैसे अकेलापन बन सकता है डिमेंशिया की वजह?
दिमाग की गतिविधि- सोशल कॉन्टेक्ट दिमाग को एक्टिव रखने में अहम भूमिका निभाता है। जब हम दूसरों के साथ बातचीत करते हैं, तो हमारे दिमाग में नए कनेक्शन बनते हैं और पुराने मजबूत होते हैं। अकेलेपन की स्थिति में, दिमाग की यह गतिविधि कम हो जाती है, जिससे ब्रेन सेल्स के डिजेनरेशन का खतरा बढ़ जाता है।
तनाव- अकेलापन तनाव का एक अहम कारण है। लगातार तनाव दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है और डिमेंशिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
शारीरिक स्वास्थ्य- अकेले लोग अक्सर अपनी देखभाल ठीक से नहीं करते हैं। वे नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करते, हेल्दी डाइट नहीं लेते और अकेलेपन के कारण नींद पूरी न होने का खतरा भी रहता है। ये सभी फैक्टर्स डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

अकेलेपन से कैसे बचें?
अगर आपको ऐसा महूसस हो रहा है कि आप अकेलेपन से जूझ रहे हैं, तो आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वे आपकी समस्या को बेहतर तरीके से समझकर, आपकी मदद कर सकते हैं। इसके साथ, कुछ टिप्स भी अकेलापन दूर करने में मदद कर सकते हैं।

सामाजिक संबंधों को मजबूत करें- परिवार, दोस्तों और अपनी कम्युनिटी के लोगों साथ नियमित रूप से कॉन्टेक्ट में रहें।
नए लोगों से मिलें- नए लोगों से मिलने के लिए ग्रूप में शामिल हों, या कोई नई हॉबी विकसित करें।
वॉलंटियर करें- दूसरों की मदद करके आप न केवल अकेलेपन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे आपको बेहतर भी महसूस होगा।
सोशल एक्टिविटीज में भाग लें- सोसायटी क्लब, संगठनों या लोकल फंक्शन में भाग लें।
पढ़ें- किताबें, अखबार या ऑनलाइन आर्टिकल पढ़ना आपके दिमाग को एक्टिव रखने का एक अच्छा तरीका है।
शारीरिक रूप से एक्टिव रहें- नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से न केवल आपका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि आपका मूड भी अच्छा रहेगा।
हेल्दी खाना खाएं- पौष्टिक खाना आपके दिमाग के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
पर्याप्त नींद लें- पर्याप्त नींद लेने से आपका तनाव कम होगा और आपका दिमाग स्वस्थ रहेगा।

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