अक्षय तृतीया पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को वनवास जाते समय अक्षय पात्र दिया था। यह ऐसा पात्र था जो कभी भी खाली नहीं होता। इसके अलावा भगवान कृष्ण ने इसी तिथि को अपने बचपन के दोस्त सुदामा की द्ररिद्रता को दूर कर उन्हें संपन्नता प्रदान की थी।
अक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 05: 56 से दोपहर 12:20 तक
खरीददारी करने का शुभ मुहूर्त
सुबह 05 बजकर 56 से आधी रात तक