यूपी पुलिस के सिपाही ने किया ऐसा काम लोग बन गये उसके मुरीद
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेटे अखिलेश यादव को पार्टी की कमान और सिंबल मिलने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अब पूरी तरह उनके नेतृत्व को स्वीकारने का मन बना लिया है। मुलायम सिंह यादव को अब चुनाव प्रचार के लिए मनाने का जिम्मा नगर विकास मंत्री मो. आजम खां को सौंपा गया है। कहा जा रहा था कि सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव चुनाव प्रचार करने को तैयार नहीं थे। लेकिन आजम खान गुरुवार को उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि नेताजी चुनाव प्रचार के लिए मान गए हैं। सभी प्रत्याशियों के लिए वह प्रचार के लिए निकलेंगे। जल्दी ही उनका दौरा तय हो जाएगा।
इस बीच एमएलसी और मुलायम के करीबी आशु मलिक से मारपीट करने के आरोप में निकाले गए अयोध्या के विधायक और मंत्री पवन पांडेय को गुरुवार को समाजवादी पार्टी में वापस ले लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने गुरुवार को उनकी वापसी का पत्र जारी कर दिया। सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। वहीं सैफई के चंदगी राम की भी सपा में वापसी हो गई है, उन्हें भी शिवपाल यादव ने पार्टी से बाहर किया था।
कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय कर चुके अफजाल अंसारी ने अंसारी बंधुओं को टिकट न मिलने की बात को बीजेपी प्रायोजित करार दिया है। अफजाल ने गुरुवार को कहा कि अब तक सपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव या सपा के किसी वरिष्ठ नेता ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि कौएद से विलय रद होगा या अंसारी बंधुओं को टिकट नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह टिकट मिलने को लेकर आशान्वित हैं और सपा की ओर से सूची जारी करने का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले पिछले दिनों सीएम अखिलेश यादव ने कौएद का सपा में विलय करने के फैसले पर नाराजगी जताई थी। इसी वजह से पिछले साल जून में हुआ यह विलय कुछ ही दिन बाद रद कर दिया गया था। बाद में अगस्त में सपा संस्थापक मुलायम सिंह ने इस विलय की बहाली पर मुहर लगा दी थी। माना जा रहा है कि अखिलेश के अध्यक्ष बनने के बाद कौएद को किनारे किया जा सकता है।