पुंजबा के सीएम अमरिंदर सिंह के बाद अब सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर समेत सभी गुरुद्वारों व धार्मिक स्थलों में लंगर और प्रसाद वितरण पर जीएसटी हटाने की मांग की है.
इस बारे में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि बिना किसी भेदभाव के सभी को नि:शुल्क भोजन (लंगर) पर टैक्स लगाकर भाजपा ने निंदनीय कार्य किया है. अखिलेश ने भाजपा सरकार से न केवल लंगर सेवा बल्कि लंगर की खरीद को भी जीएसटी मुक्त करने की मांग की. अखिलेश यादव का कहना था कि ऐसे धार्मिक स्थलों में जहाँ जहां सबके लिए भोजन (लंगर) की व्यवस्था हो, वहां जीएसटी लगाना उचित नहीं है . पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों द्वारा लंगर पर वैट भी माफ किया था.
बता दें कि मोदी सरकार की आलोचना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय गणतंत्र के 70 वर्षों में 11 प्रधानमंत्री हुए, कभी लंगर सेवा पर कोई टैक्स नहीं लगा। मोदी 12वें प्रधानमंत्री हैं जिनके समय धार्मिक स्थलों में लंगर पर जीएसटी टैक्स थोप दिया. स्मरण रहे कि स्वर्ण मंदिर में हर दिन लगभग 80 हजार से 1 लाख लोग लंगर में भोजन प्रसादी पाते हैं.17 जुलाई से दिसम्बर 2017 तक की अवधि में सरकार जीएसटी के मद में 2 करोड़ रुपए कर वसूल चुकी है. इसे वापस किया जाना चाहिए. इससे सिख समाज में बहुत रोष है.
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