अगर आप भी घर से बाहर शारीरिक दूरी के नियम को नजरअंदाज कर रहे हैं तो सावधान हो जाइये। क्योंकि, बाजार या अन्य सार्वजनिक जगहों पर लोगों से उचित शारीरिक दूरी न रखने पर आपको हवालात भी जाना पड़ सकता है। अब तक प्रदेश में शारीरिक दूरी के उल्लंघन में 1653 लोगों पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। हालात सामान्य होने के बाद इन सभी मामलों में कोर्ट में बाकायदा सुनवाई होगी और आरोपित को दोषी करार दिए जाने पर सजा भी भुगतनी होगी।
छह फीट की दूरी जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना से बचाव के लिए जारी की गई गाइडलाइंस में शारीरिक दूरी का भी जिक्र है। नियमानुसार दो लोगों के बीच छह फीट की दूरी जरूरी है। मगर, शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी बाजारों में इसका पालन नहीं हो रहा।
यह है सजा का प्रावधान
शारीरिक दूरी के नियम के उल्लंघन में महामारी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इसमें दोषी पाए जाने पर एक माह की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। ऐसे लोगों से मानव जीवन को खतरा होने की स्थिति में सजा छह महीने और जुर्माना एक हजार रुपये भुगतना पड़ सकता है।
इन मामलों में भी हुई कार्रवाई
मास्क न पहनने पर, 4725 मुकदमे
क्वारंटाइन का उल्लंघन, 483 मुकदमे
अफवाह फैलाने में, 211 मुकदमे
लॉकडाउन उल्लंघन में, 3575 मुकदमे
एमवी एक्ट में चालान, 55188
वाहन सीज, 7712
488 पुलिसकर्मी हो चुके क्वारंटाइन
पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे 488 पुलिसकर्मियों को अब तक क्वारंटाइन किया जा चुका है। इसमें से 314 पुलिसकर्मी क्वारंटाइन अवधि पूर्ण कर ड्यूटी पर लौट आए हैं।
लॉकडाउन के उल्लंघन में 627 गिरफ्तार
लॉकडाउन का उल्लघंन करने पर गुरुवार को प्रदेश में 41 मुकदमे दर्ज किए गए। जिसमें 627 लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रदेश में अब तक 3575 मुकदमे दर्ज कर 26,926 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एमवी एक्ट के तहत 55,188 वाहनों के चालान, 7712 वाहन सीज और 3.10 करोड़ रुपये शमन शुल्क वसूला गया।
लापरवाह डॉक्टर और स्टॉफ को करें चिह्नित
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों के कोरोना संक्रमित वार्ड से नदारद रहने और खाने की गुणवत्ता में कमी की शिकायतों को प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने गंभीरता से लिया है। गुरुवार को उन्होंने चिकित्सकों व स्टाफ की बैठक ली। उन्होंने काम में लापरवाही करने वाले डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टॉफ को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वार्ड में आला पहनकर जाएं और मरीज को अपनी उपस्थिति का एहसास कराएं। वहीं, खाने की गुणवत्ता को लेकर मेस का नंबर वार्ड में चस्पा करने, खाना भेजने का समय निश्चित करने एवं अस्पताल के कर्मचारी के ही वार्ड में पीपीई किट पहनकर खाना बांटने के निर्देश दिए हैं।
पुंछ से रायपुर स्टेडियम पहुंचे आर्मी जवान
जम्मू कश्मीर के पुंछ से आर्मी जवानों की एक बस गुरुवार को रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज पहुंची। इस दौरान नौ को पिथौरागढ़ और एक जवान को पौड़ी भेजा गया। जबकि 20 जवान दून के ही थे। यह सभी जवान छुट्टी पर अपने घर जा रहे हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजीव रावत ने बताया सुबह आर्मी जवानों की एक बस स्टेडियम पहुंची थी। सभी जवान यूनिट से ही क्वारंटाइन होकर आए थे। जिन्हें होम क्वारंटाइन का फार्म भरकर विभिन्न जनपदों के लिए रवाना किया गया। इसके अलावा हरिद्वार से दो बसों में, गोवा से दो बसों में, कर्नाटक, बेंगलुरू और नासिक से एक-एक बस से लोग स्टेडियम पहुंचे।
रेल कर्मियों ने की पीपीई किट देने की मांग
रेल कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए दस्ताने, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट नहीं दी जा रही हैं। इससे उन्हें यात्रियों के संपर्क में आने से संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने रेलवे से जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की है। नरमू की देहरादून शाखा अध्यक्ष उग्रसेन के नेतृत्व में गुरुवार को कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि रेलवे अपने कर्मचारियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं कर रहा है। अभी तक फ्रंट लाइन में रहने वाले कर्मचारियों को भी पीपीई किट मुहैया नहीं कराई हैं।
कोरोना और डेंगू की दोहरी चुनौती से निपटने पर मंथन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में गुरुवार को कोविड-19 और डेंगू नियंत्रण के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें समर्पण एवं एसपीडी संस्था के पब्लिक हेल्थ मैनेजर, सिटी हेल्थ ऑफिसर, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, जिला आशा समन्वयक, आशा फैसिलिटेटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद शुक्ला की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में कोरोना संक्रमण के साथ ही डेंगू की रोकथाम पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि इन संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाने हैं।