अगर इंजेक्शन लगाने के बाद सूजन आय तो हो जाये सावधान, इससे हो सकती है....

अगर इंजेक्शन लगाने के बाद सूजन आय तो हो जाये सावधान, इससे हो सकती है….

बच्चों को इंजेक्शन लगाने पर अगर सूजन आ जाए तो इसे साधारण प्रॉब्लम जानकर अवाइड नहीं करें. बच्चे में ऐसा जेनेटिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर यानी होमोफिलिया की वजह से होता है. यह बीमरी होने पर बच्चे में ब्लड का क्लॉट नहीं बन पाने के कारण बच्चे को लगातार ब्लीडिंग होती रहती है. हालाँकि, अभी तक इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन आगामी कुछ सालों में जीन थेरेपी आने से बच्चों को नयी जिंदगी मिल पाएगी. फ़िलहाल बच्चों की ब्लीडिंग रोकने के लिए इंजेक्शन पर निर्भर होना पड़ रहा है. अगले दो सालों में ऐसे नए इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगें, जिनका असर लंबे समय तक रहेगा.अगर इंजेक्शन लगाने के बाद सूजन आय तो हो जाये सावधान, इससे हो सकती है....अगर आपको करना है गुस्से को दूर तो खाये ये चीजें….

जीन थेरेपी होगी ट्रीटमेंट का विकल्प

चोट लगने पर हर व्यक्ति की नसें टूटी है. साधारण व्यक्ति में क्लॉट बनने से ब्लीडिंग रुक जाती है. लेकिन जिन बच्चों में हीमोफीलिया होता है, उन्हें चोट लगने पर ब्लीडिंग रुक नहीं पाती है. ब्लड में सेक्टर 8 की कमी से हीमोफीलिया और और सेक्टर 9 की कमी से हीमोफीलिया-बी होता है.

क्रोमोजोम में डिफेक्ट यानी म्यूटिशियन होने पर हीमोफीलिया होता है. ज्यादातर माँ से म्यूटिशियन होता है. लड़कियों में यह बीमारी कम होती है लेकिन लड़की में एक क्रोमोजोम डिफेक्ट होने से उसकी अगली पीढ़ी में हीमोफीलिया होने की रिस्क बढ़ जाती है. लड़कियों में एक क्रोमोजोम के डिफेक्ट होने की वजह से उन्हें ब्लीडिंग नहीं होती है.

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