अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि उन पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं है। उनके पास पैसे नहीं रूकते। काफी मेहनत के बावजूद भी आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं। अगर परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है तो माना जाता है कि घर में लक्ष्मी का निवास है, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपके घर का मुख्यद्वार वास्तु दोष से मुक्त हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का भाग्य प्रवेशद्वार पर लिखा होता है और इसका असर घर में रहने वालों पर होता है। इसलिए घर बनवाते या खरीदते समय मुख्यद्वार से जुड़ी कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें।भूवैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा, फिर से केदारनाथ धाम में आ सकती है वर्ष 2013 जैसी महाप्रलय!
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अगर इस तरह से हो आपके घर का मेन गेट, तो हाथ में हमेशा टिकने लगेगा पैसा
घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। पूर्व और उत्तर दिशा में मुख्य द्वार होना वास्तु की दृष्टि से सबसे उत्तम होता है।
अगर किसी घर में दो बाहरी दरवाजा हो तब इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि दोनों गेट एक-दूसरे के सामने न हो। कहते हैं इससे जितनी तेजी से धन आता है, उतनी ही तेजी से चला भी जाता है।
मेन गेट कभी भी बीच में नहीं होना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस दीवार के साथ मेन गेट बनवाना चाहते हैं, उस दीवार को नौ भागें में बांटें। इसके बाद भवन में प्रवेश की दिशा से बायीं ओर पांच भाग और दायीं ओर से तीन भाग छोड़कर बनवाएं। इससे प्रवेश बड़ा होगा और निकास छोटा। माना जाता है कि ऐसा होने से आय अधिक होती है और व्यय कम।
मुख्यद्वार के सामने मंदिर, वृक्ष, कुआं या स्तंभ नहीं होना चाहिए। इसे ‘वास्तु वेध’ कहा जाता है यानी लक्ष्मी का प्रवेश बाधित होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार भवन की ऊंचाई से दोगुनी दूरी पर उपरोक्त चीजें न हों। उसके आगे होने पर भी वास्तु-वेध नहीं लगता है।