देवों के देव महादेव के अवतार हनुमान जी है, महादेव को उनके भक्त रूद्र के रूप में भी जानते है, इसलिए हनुमान जी को रूद्र अवतार भी कहा जाता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार वानर राज केसरी और उनकी पत्नी अंजना की कोई संतान नहीं थी जिसकी प्राप्ति के लिए उन्होंने भगवान् शंकर की तपस्या की और इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान् शंकर ने उन्हें वरदान दिया की जल्द ही तुम्हे एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो की मेरा ही अंश होगा. और कुछ समय पश्चात माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ.धनतेरस पर इन राशि वालो को होगा लाभ, अगर खरीदेंगे ये समान…
परम भक्त हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्टों और संकटों को दूर करते है और उन्हें जीवन में सुख शांति और सम्रद्धि प्रदान करते है. शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की पूजा और दर्शन करने के कुछ नियम होते है यदि आप इनकी पूजा और दर्शन करते समय इन नियमों का पालन करते है तो इससे आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होते है और आपका दुर्भाग्य भी आपसे दूर भागता है.
हिन्दू धर्म शास्त्रों में हनुमान जी की परिक्रमा करने के विषय में बताया गया है कि इनकी परिक्रमा केवल तीन बार करना चाहिए. यदि कोई भक्त हनुमान जी को प्रत्येक मंगलवार के दिन दोपहर के समय गुड़, घी और गेहूं के आंटे से बनी रोटी का चूरमा बनाकर इन्हें भोग लगाया जाता है तो इससे आपके जीवन में दुर्भाग्य का अंत होता है. यदि व्यक्ति प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को फल चढ़ाता है तो उसके जीवन में खुशियों की कमी नहीं होती है. मंगलवार और शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करके हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से सभी प्रकार के कष्टों और पर्शानियों से मुक्ति मिलती है.