युवराज सिंह ने इस वर्ष जून-जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी पहनी थी। इसके बाद से बाएं हाथ के बल्लेबाज राष्ट्रीय टीम में बाहर चल रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि युवराज सिंह यो-यो टेस्ट पास करने में नाकाम रहे और अभी उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इससे पार पाने की है।
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हालांकि, 35 वर्षीय युवराज ने टीम इंडिया में वापसी करने के लिए कमर कस ली है। वो फिलहाल बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में यो-यो टेस्ट पास करने की तैयारियां कर रहे हैं। टीम इंडिया को भी अभी चौथे क्रम पर बल्लेबाज की खोज है, जिस पर टीम निर्भर रहे और ऐसे में युवी की कोशिश इस क्रम पर अपने आप को स्थापित करने की है।
ऐसा माना जा रहा है कि चयनकर्ताओं ने अनुभवी खिलाड़ियों के लिए दरवाजे खोल रखे हैं और अगर युवी को टीम इंडिया में एंट्री करना है तो उन्हें फिटनेस टेस्ट पास करना होगा। वैसे भी 2015 वर्ल्ड कप के बाद से युवराज ने ही टीम इंडिया के लिए चौथे क्रम पर बल्लेबाजी की है। उन्होंने 10 मैचों में 44.75 की औसत से 358 रन बनाए हैं। मगर उनके रन बनाने का अंदाज अलग रहा।
युवराज ने जो 358 रन बनाए, उनमें से एक ही मैच में 150 रन बनाए। ये पारी युवी ने इंग्लैंड के खिलाफ इस वर्ष की शुरुआत में खेली थी। बहरहाल, युवी के अलावा सिर्फ एमएस धोनी ही वो बल्लेबाज हैं, जिन्होंने चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करके 300 से अधिक रन बनाए हैं। टीम इंडिया ने चौथे क्रम पर 11 बल्लेबाजों को आजमाया, लेकिन कोई अपनी जगह स्थापित नहीं कर पाया।
मनीष पांडे और केदार जाधव भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो चौथे क्रम पर अपने आप को साबित नहीं कर सके। ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को भी मौका मिला, लेकिन वे भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। यही कारण है कि टीम इंडिया की चौथे क्रम पर उपयुक्त बल्लेबाज की खोज जारी है। बहरहाल, युवराज सिंह इस वर्ष दिसंबर में 36 साल के हो जाएंगे। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में पंजाब की तरफ से हिस्सा लिया, लेकिन आखिरी मैच में वो 20 व 42 रन की पारी ही खेल सके। पंजाब को इस मैच में विदर्भ से एक पारी की शिकस्त झेलना पड़ी।