अगर ऑस्ट्रेलिया में भी बुरी तरह हारे तो दो कोच प्रणाली अपना सकता है बोर्ड

भारतीय टीम 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी बुरी तरह हारती है तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) लाल और सफेद गेंद के प्रारूप में अलग-अलग कोच रखने की रणनीति अपना सकता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली शर्मनाक हार के बाद बीसीसीआई ने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बुमराह को आराम दिए जाने और टर्नर पिच पर भी बातचीत की गई।

न्यूजीलैंड से घर पर पहली बार मिली 0-3 की हार के बाद अब अगर भारतीय टीम 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी बुरी तरह हारती है तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) लाल और सफेद गेंद के प्रारूप में अलग-अलग कोच रखने की रणनीति अपना सकता है।

इस साल अमेरिका और वेस्टइंडीज में हुए टी20 वर्ल्ड कप में जीत दर्ज करने के बाद कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो गया था जिसके बाद बीसीसीआई ने गंभीर को कोच बनाया था। अब बोर्ड सीधे तो अपना निर्णय बदलकर गंभीर को कोचिंग से नहीं हटा सकता तो उसके पास दो (एक सफेद गेंद, एक लाल गेंद) कोच का विकल्प है। मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ भारतीय टीम 10 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी, जबकि वीवीएस लक्ष्मण की कोचिंग में भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज खेल रही है।

लक्ष्मण बन सकते हैं कोच
बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अगर सकारात्मक परिणाम नहीं निकलते हैं तो लक्ष्मण को टेस्ट टीम का कोच बनाया जा सकता है, जबकि गौतम गंभीर को वनडे और टी-20 टीम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। अभी उल्टा हो रहा है। समय-समय पर आराम के नाम पर पहले द्रविड़ और अब गंभीर की जगह एनसीए प्रमुख लक्ष्मण टी-20 टीम के साथ कोच बनकर जाते हैं।

बोर्ड ने की कड़ी समीक्षा
बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड से मिली शर्मनाक हार की विस्तृत समीक्षा की है। इसमें मुंबई टेस्ट के लिए रैंक टर्नर (स्पिनरों के अनुकूल पिच) का चयन, जसप्रीत बुमराह को विश्राम देना और गंभीर की कोचिंग शैली पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, समीक्षा बैठक के दौरान कप्तान रोहित शर्मा, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और मुख्य कोच गंभीर के साथ बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी भी मौजूद थे।

गंभीर बैठक में ऑनलाइन जुड़े। पता चला है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान टीम प्रबंधन द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों के बारे में सवाल पूछे गए। गंभीर की कोचिंग शैली के बारे में भी चर्चा हुई जो उनके पूर्ववर्ती राहुल द्रविड़ से बहुत अलग है और टीम इसे कैसे अपना रही है। सूत्रों ने बताया कि यह छह घंटे की मैराथन बैठक थी, जो इस तरह की हार के बाद तय थी। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही है और बीसीसीआई यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि टीम वापस पटरी पर लौट आए।

कई अहम सवालों पर हुई चर्चा
साथ ही वह जानना चाहेगा कि रोहित, गंभीर और अगरकर इस बारे में क्या सोच रहे हैं। तीनों को सुझाव देने के लिए कहा गया कि सुधारात्मक उपाय कैसे किए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी इस बात से खुश नहीं थे कि तेज गेंदबाज और टीम के उपकप्तान बुमराह को तीसरे टेस्ट के लिए विश्राम दिया गया और टीम ने पुणे में इसी तरह की पिच पर हारने के बाद स्पिनरों की मदद वाली पिच का विकल्प क्यों चुना।

दो टुकड़ियों में ऑस्ट्रेलिया रवाना होगी टीम
इस तरह की पिचों पर भारत के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद वैसी ही पिच बनवाना अहम विषय रहा। यह समझा जाता है कि भारतीय टीम के ‘थिंक टैंक’ में कुछ लोग मुख्य कोच के साथ एकमत नहीं थे। टी-20 विशेषज्ञ ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी और रणजी ट्रॉफी में केवल 10 मैच खेलने वाले नए तेज गेंदबाज हर्षित राणा का ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में चयन सर्वसम्मति से नहीं किया गया है। भारतीय टीम 10 और 11 नवंबर को दो टुकड़ियों में ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी।

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