कई लोग ज्योतिष के कहने पर कई तरह के रत्न पहन लेते है। कोई आय बढ़ाने के लिए पुखराज तो गुस्सा कम करने के लिए मोती पहन लेता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए ग्रहों से संबंधित रत्नों को पहनने की सलाह दी जाती है।
अगर रोना आए तो खुलकर रो लें नहीं तो हो जाएगी ये भयानक….!

लेकिन जिन लोगों को ये रत्न नहीं भाते उन्हें परेशानियों का सामना भी करना पड़ जाता है। ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है उन्हें मोती पहनने की सलाह दी जाती है। मोती पहनने से जीवन में लगे ग्रहण का अंत हो जाता है। मोती चंद्रमा का रत्न है और ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को ब्रह्मांड का मन कहा गया है। हमारे शरीर में भी चंद्रमा हमारे मन व मस्तिष्क का कारक है, विचारों की स्थिरता का प्रतीक है। मन ही मनुष्य का सबसे बड़ा दोस्त है। मोती कई प्रकार के होते है और मोती खरीदते समय पूरी सावधानी रखनी चाहिए। अशुद्ध मोती मनुष्य के लिए हानिकारक सिद्ध होते हैं। इसलिए मोती खरीदते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। तो आइए जानते है कि इनकी जांच और परख कैसे करें:
– जिस मोती में मूंगे के समान छाया बनती हो उसे न पहने क्योंकि ज्योतिष के अनुसार इसे पहनने से गरीबी आती है। वहीं आपको रोजगार में भी बाधा भी आ सकती हैं।
– जिस मोती में मछली की आंख के समान किसी स्थान पर चिन्ह हो उस मोती को कभी न पहने। ऐसा मोती पुत्र नाशक होता है।
– जिस मोती में कहीं दूसरे रंग का धब्बा दिखाई दे तो वह मोती अशुभ माना जाता है।
– जो मोती टूटा हुआ हो उसे गरज मोती कहते है। यह मोती संपत्ति नष्ट करता है।
– जिस मोती के चोंच हो या उपर से नुकीला हो ऐसा मोती कुल के लिए हानिकारक होता है।
– जिस मोती में चमक न हो, इसे पहनने से दरिद्रता आती है।
– जो मोती पतला हो ऐसा मोती स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
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