भारतीय रेलवे काउंटर पर टिकट देने पर हो रहे खर्च को कम करना चाहती है और इसका सीधा फायदा वह आम आदमी को देने की तैयारी कर रही है. हालांकि भारतीय रेलवे की तरफ से यह तब ही किया जा सकेगा, जब बैंक उसकी बात मानेंगे.वित्त मंत्री ने बताया- एक हो सकते हैं GST के 12-18% के टैक्स स्लैब
दरअसल भारतीय रेलवे ने सभी बैंकों के प्रमुखों को एक पत्र लिखा है. उसमें रेलवे ने बैंकों से ऑनलाइन लेनदेन के लिए लिये जाने वाले चार्ज को खत्म करने का अनुरोध किया है. रेलवे ने बैंकों को भरोसा दिलाया है कि अगर वह ऑनलाइन लेनदेन के लिए मर्चंट डिस्काउंट चार्ज (एमडीआर) को खत्म करते हैं या फिर कम करते हैं, तो इससे सभी को फायदा होगा.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने इस पत्र में लिखा है कि अगर बैंक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन चार्ज खत्म करते हैं, तो इससे रेलवे का खर्च घटेगा. जिसका सीधा फायदा आम लोगों को सस्ते टिकट के तौर पर मिलेगा.
रेलवे ने कहा कि यह कदम न सिर्फ रेलवे और आम लोगों को फायदा दिलाएगा, बल्कि कैशलेस इकोनॉमी के साथ ही बैंकों के लिए भी यह फायदेमंद होगा. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से विंडो बुकिंग में होने वाले खर्च में कमी आएगी. यह खर्च कम होने से टिकट सस्ते हो जाएंगे.
अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेलवे ने बैंकों से कहा है कि अगर वह ऑनलाइन लेनदेन के चार्जेज कम करते हैं या फिर पूरी तरह खत्म करते हैं, तो रेलवे ऐसे बैंकों की सुविधाओं को अपने डिपोजिट रखने के लिए यूज करेगा. इसके साथ ही अपने कर्मचारियों की सैलरी भी इन बैंकों के खातों में क्रेडिट करवाएगा.
बता दें कि मर्चंट डिस्काउंट चार्ज बैंकों की तरफ से वसूला जाता है. यह चार्ज डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सेवा देने के नाम पर लिया जाता है. यह चार्ज 10 रुपये से लेकर लेनदेन का 1.8 फीसदी और टैक्स हो सकता है. भारतीय रेलवे पिछले कुछ महीनों से लगातार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने में जुटी हुई है.