भारतीय जनता पार्टी ने सहारनपुर-शामली राजमार्ग के निर्माण में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पार्टी ने दावा किया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर स्वीकृत इस योजना पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के पैसे भी खर्च किये गये। उत्तर प्रदेश राज्य हाईवे अथारिटी (उपसा) की देखरेख में बनने वाले इस मार्ग के निर्माण में धांधली को लेकर शनिवार को यहां विभूतिखंड थाने में परियोजना निदेशक की ओर से एक रिपोर्ट भी दर्ज करायी गयी है। उपसा के अध्यक्ष पदेन मुख्यमंत्री होते हैं।
भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने संवाददाताओं से कहा कि इस परियोजना पर एक अप्रैल 2012 से काम शुरू हुआ था। नवम्बर 2013 में काम बंद होने के बावजूद बैंक से रुपये निकाले गये। इसे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। इस प्रोजेक्ट की समीक्षा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव स्वयं कर रहे थे। पाठक ने कहा कि परियोजना में कथित धांधली की वजह से इसकी लागत 2800 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी। निर्माण करने वाली कम्पनी की कार्यक्षमता का आकलन नहीं किया गया और अब सपा की हालत पतली देख अधिकारी अपनी गर्दन बचा रहे हैं।
इसी वजह से शनिवार को एफआईआर दर्ज करायी गयी। उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक भी भ्रष्टाचार के केन्द्र में शामिल है। पहले इसके निर्माण में सैकड़ों करोड़ खर्च किये गये और अब नगर निगम के अधिकारी इसे तोड़कर नाले की सफाई की बात कर रहे हैं। इसका मतलब है कि साइकिल ट्रैक बनाते समय सही प्ला¨नग नहीं की गयी, केवल ठेकेदार मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए इसका निर्माण करवाया गया।
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