डायबिटीज की भयंकर बीमारी को वक़्त पर नियंत्रित न किया जाए तो इंसान को बचाना कठिन है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, पुरे विश्व में 42 करोड़ से भी अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हैं। वर्ष 2045 तक डायबिटीज मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 62 करोड़ से अधिक होने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का दावा है कि मनुष्य की त्वचा में अचानक हो रहे परिवर्तन देखकर डायबिटीज के संकट का अनुमान लगाया जा सकता है।

त्वचा में होने वाली इस समस्यां को नेक्रोबायोसिस लिपॉइडिका कहा जाता है, जिसमें स्किन पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। ये दिखने में पिम्पल जैसे होते हैं, जो कुछ वक़्त पश्चात् पीले, लाल या ब्राउन रंग के धब्बों में परिवर्तित हो जाते हैं। इनमें हल्की-हल्की खुजली तथा दर्द होता है। यदि आपकी त्वचा पर ऐसे धब्बे हैं तो ब्लड में शुगर का टेस्ट अवश्य करवा लें। यदि आपकी गर्दन, बगल, कमर अथवा बॉडी के अन्य किसी अंग के पास गहरे दाग अथवा धब्बे दिखें तो ये ब्लड में बेहद अधिक इंसूलिन होने का संकेत हैं। ये प्रीडायबिटीज का एक बड़ा लक्षण है। मेडिकल भाषा में इसे एकन्थोसिस निग्रिकेंस कहा जाता है।
डायबिटीज के मरीजों में एक काफी नार्मल लक्षण देखा गया है, जहां रोगी की स्किन पर फफोले निकल आते हैं। त्वचा पर एक बड़ा फफोला भी निकल सकता है अथवा ये कई बार समूह में भी निकल आते हैं। इस प्रकार की समस्यां हाथ, कलाई पैर या पैर के पंजे पर अधिक देखी जाती है। ये दिखने में जलने के पश्चात् निकले फफोले जैसे ही होते हैं, किन्तु इनमें दर्द बिल्कुल नहीं होता है।
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