अगर हनीप्रीत ने न की होती ये गलत‌ियां तो शायद म‌िल जाती बेल…

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया। अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा  क‌ि… अगर हनीप्रीत ने न की होती ये गलत‌ियां तो शायद म‌िल जाती बेल...

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हनीप्रीत दिल्ली की निवासी नहीं है और इस अदालत को आवेदन पर सुनवाई का अधिकार नहीं है। हांलाकि अदालत को फैसला 4 बजे सुनाना था लेकिन फैसला रात्रि 8 बजे आया।न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने अपने फैसले में कहा कि सभी तथ्यों से साक्ष्यों से स्पष्ट है कि हनीप्रीत ने दिल्ली में राहत पाने के लिए एक झूठा पता बनाया और आवेदन दायर कर दिया। अदालत को देखना है कि आवेदन सुनने लायक है या नहीं। आवेदन दिल्ली में दायर करने से यह भी स्पष्ट है कि वह बिना कारण समय नष्ट करना चाहती है। 

अदालत ने कहा जिस प्रकार हनीपत्रीत से दिल्ली अदालत में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया उसी प्रकार अपने वकील के जरिए हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट में भी आवेदन दायर कर सकती थी। अदालत ने दिल्ली में अग्रिम जमानत आवेदन दायर करने व तीन सप्ताह की अग्रिम जमानत मांगने संबधी तर्क पर कई सवाल उठाए। इतना ही नहीं अदालत ने कहा कि मामला हरियाणा से संबंधित है तो आप वहीं जाकर क्यों नहीं आवेदन दायर करते। 

अदालत ने कहा याची ने कहा कि वह कानून का पालन कर रही है तो भाग क्यों रहीहै। उसे जांच में शामिल होना चाहिए। अदालत ने याची के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उनको चंडीगढ़ जाने के लिए संरक्षण प्रदान किया जाए। इससे पूर्व हनीप्रीत के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि चंडीगढ़ का माहौल खराब है और कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। स्वयं हरियाणा के डीजी भी अपने बयान में इस तथ्य की पुष्टी कर चुके है। इससे स्पष्ट है कि उनके मुवक्किल की जान को खतरा है। 

अदालत ने सवाल उठाया कि इस अदालत में किस प्रकार सुनवाई की जा सकती है। क्या आप समर्पण करने के लिए समय मांग रहे है। इस पर हनीप्रीत के आधिवक्ता ने कहा उनकी मुवक्किला का जीके-2 में घर है और इस आधार पर वह दिल्ली में जमानत के लिए आवेदन दायर कर सकती है। इसके अलावा तय नियम के तहत गिरफ्तारी का अंदेशा होने पर कोई भी व्यक्ति देशभर में कहीं भी हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर सकता है। हम समर्पण के लिए नहीं बल्कि अग्रिम जमानत की अपील रहे है।  

अदालत ने कहा आप तीन सप्ताह के लिए अग्रिम जमानत मांग रहे है। चंडीगढ़ मात्र पांच घंटे का रास्ता है। आप वहां जा सकते है। अधिवक्ता ने कहा हम जांच के सहयोग करना चाहते है और हमें गिरफ्तारी का अंदेशा है आप हमें अग्रिम जमानत दे तो हम चंडीगढ़ में जमानत के लिएआवेदन दायर करने के अलावा जांच में शामिल होना चाहते है। 

हर‌ियाणा पुलिस व दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता ने आवेदन पर सुनवाई पर आपत्ति करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति की देशभर में 10 संपत्तियां है तो उसे हर राज्य में जमानत पाने का अधिकार नहीं मिल जाता। इस मामले में हरियाणा में मामला दर्ज है और वहीं जांच चल रही है। आरोपी पर गंभीर आरोप है। इस मामले में कई आरोपी गिरफ्तार है और याची को विशेष सुविधा नहीं दी जा सकती। ऐसे में जमानत आवेदन खारिज किया जाए। 

हनीप्रीत कहां है-पूछा अदालत ने इससे पूर्व हनीप्रीत के अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष प्रात: जमानत आवेदन दायर कर तुंरत सुनवाई का आग्रह किया। उन्होंने कहा उनकी मुवक्किला को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है और उसकी जान को खतरा देखते हुए सुनवाईकी जाए। न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने उनसे पूछा हनीप्रीत कहां है अधिवक्ता ने कहा वह अभी तक सुरक्षित है। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई दोपहर बाद तय कर दी।

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