जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे बालों के झड़ने की समस्या भी बढ़ने लगती है। हालांकि बाल गिरने की समस्या कई बार अनुवांशिक भी होती है। सामान्यत: हम हर दिन लगभग सौ से डेढ़ सौ बालों को झड़ने के फलस्वरूप खोते हैं और नए बाल दो से छह साल तक उगते रहते हैं और उसके बाद बालों का उगना बंद हो जाता है। इसकी वजह से न सिर्फ लोगों के व्यक्तित्व पर असर पड़ता है, बल्कि इसका मानसिक प्रभाव भी पड़ता है। गंजेपन की समस्या अधेड़ उम्र के लोगों में ही नहीं, बल्कि आज के युवाओं में भी देखने को मिल रहे हैं। 
अगर शादी से पहले ही सिर के बाल गायब हो जाएं, तो जीवन पर इसका प्रभाव पड़ना लाजिमी है। वैसे आजकल गंजेपन की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बाल प्रत्यारोपण तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है। हालांकि बाजार में कुछ और तरह के उपचार भी मौजूद हैं, मगर इससे इतर बाल प्रत्यारोपण तकनीक काफी कारगर है। सबसे खास इस उपचार के कुछ ही दिनों में इसके अच्छे परिणाम दिखाई देने लगते हैं। इतना ही नहीं, तुरंत बाद ही आप अपनी दिनचर्या की गतिविधियों को दोबारा शुरू कर सकते हैं। बिना किसी दर्द या दाग छोड़े, आपके बालों से संबंधित समस्याएं हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो सकती हैं।
इस उपचार में सर्जरी द्वारा उन हिस्सों से बालों को लिया जाता है, जहां बाल मौजूद हों और जिन हिस्सों से बाल झड़ गए हैं या फिर पतले हो गए हैं, वहां बाल प्रत्यारोपित किया जाता है। इसके बाद दो से तीन महीने के अंदर ही प्राकृतिक बालों का उगना शुरू हो जाता है और फिर बाल पहले जैसे दिखने लगते हैं। मगर कहीं भी बाल प्रत्यारोपण करवाने से बचना चाहिए। इस केस में कई सारे फर्जी मामले भी देखने को मिलते रहते हैं। इसलिए बाल प्रत्यारोपण कराने से पहले क्लिनिक के बारे में अच्छे से जानना जरूरी है। क्लिनिक की गुणवत्ता और जगह दोनों का खास ख्याल रखें। विज्ञापन पर भरोसा करके किसी क्लिनिक में न जाएं। हेयर ट्रांसप्लांट से पहले ध्यान रखें कि डॉक्टर कैसा है यानी क्या डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ है! हेयर ट्रांसप्लांट के लिए विशेषज्ञ का ही चुनाव करें।
अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल हमेशा स्वस्थ और मजबूत रहें, तो शुरू से ही बालों पर ध्यान दें। आप जो भी हेयर केयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करें, ध्यान दें कि उसमें कोई हानिकारक रसायन न हो, क्योंकि ये रसायन बालों को ही हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि शरीर के अन्य अंगों पर भी प्रभाव डालते हैं। बालों को ठीक रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका केमिकल आधारित उत्पादों का इस्तेमाल खत्म करना है।
साबुन, शैंपू, कंडीशनर, सीरम आदि हेयर प्रोडक्ट जो आप इस्तेमाल करते हैं, उनमें मौजूद सामग्री को देखें और यह सुनिश्चित करें कि आप जो प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपके बालों के लिए सही है या नहीं? देखें कि वह सोडियम लॉरेल सल्फेट फ्री है या नहीं? इनके स्थान पर आप प्राकृतिक एसएलएस (सोडियम लॉरेल सल्फेट) फ्री, पैराबेन्स फ्री, वेगन साबुन का प्रयोग करें। इस साबुन को आप बाल, चेहरा, हाथ और शरीर धोने के लिए सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। सप्ताह में कम-से-कम दो बार भृंगराज तेल से स्कैल्प की मसाज करें। तेल लगाने के बाद जब बालों को साफ करने जा रहे हों, तो साफ करने से पहले रीठा, शिकाकाई और आंवले का मिश्रण लगाएं।
हफ्ते में कम-से-कम एक बार बालों और स्कैल्प की नरिशिंग के लिए ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करें, जिनमें एलोवेरा, आंवला, भूंगराज, तुलसी, नीम, मेथी, ब्राह्मी, गुड़हल आदि हो। इसके अलावा आप बालों में गुड़हल की पत्तियों और फूलों को दही के साथ मिक्स करके लगा सकते हैं। यह बालों को समय से पूर्व सफेद होने से रोकता है, साथ ही बालों को लंबा करता है। पुराने समय में लोग इस नुस्खे को खूब आजमाते थे। विटामिन सी युक्त आहार पर जोर दें। इसकी आपूर्ति के लिए नारंगी, पपीता, कीवी आैर नींबू का सेवन करें। इन फलों में कोलेजन नामक एक आवश्यक प्रोटीन होता है, जो बालों को मुलायम और हेल्दी बनाता है।
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