उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के सहारे दो दर्जन से अधिक शिक्षिका की अनामिका शुक्ला के नाम पर भर्ती कराने के मामले में एक और फर्जी शिक्षिका पकड़ी गई है। पुलिस ने बुधवार सुबह फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी करने वाली आरती को शहर के बस स्टेशन के करीब से गिरफ्तार किया।
पुलिस अधीक्षक अमेठी डाॅ ख्याति गर्ग ने बताया कि अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेज के सहारे आरती नाम की महिला नौकरी कर रही थी। बीते छह जून को अमेठी कोतवाली बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक प्रभाकर मिश्र द्वारा अनामिका शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। जिसके बाद से लगातार पुलिस मामले के राजफाश के लिए तहकीकात में जुटी थी।
बुधवार सुबह मुखबिर से मिली सूचना पर अमेठी पुलिस ने आरती को पकड़ा तो उसने अपना नाम अनामिका शुक्ला निवासी हानपुर थाना भोगांव, जिला मैनपुरी बताया। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गई और बताया कि मेरा मूल नाम आरती उर्फ आकृति उर्फ अन्नू मै ग्राम सरदामई, थाना विशुनगढ़ जिला कन्नौज की रहने वाली हूं। मैं फर्जी तरीके से अनामिका शुक्ला के नाम पर उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व निवास प्रमाण पत्र पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दाखिल करके कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी कर रही थी। इसकी भर्ती 28 नवंबर को हुई थी। पुलिस अधीक्षक ने कहाकि मामले में विधिक कार्यवाई की जा रही है।
किस्तों में दे रही थी पैसे
पुलिस अधिक्षक ने बताया कि मास्टर माइंड पुष्पेंद्र ने इसे नौकरी दिलवाई थी। जिसके बदले इसने दो लाख रुपये मांगे थे जिस पर आरती ने असमर्थता जताई थी। जिसके बाद पुष्पेंद्र ने इसे वेतन माह के वेतन का 50 प्रतिशत देने का वादा किया था। आरती को बस अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया है।