सराफा कारोबारी इन दिनों स्टाक की जानकारी मांगे जाने से नाराज हैं। अब सराफा कारोबारी पुणे की तर्ज पर अपना स्टाक बताने से इन्कार करने का मन बना रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक पुणे के व्यापारियों ने अपने स्टाक की जानकारी देने से इन्कार कर दिया है।
अनिवार्य हालमार्क लागू होने के बाद ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने सभी सराफा कारोबारियों को नोटिस जारी किया है कि वे अपने यहां पुराने हालमार्क वाला जितना स्टाक है, उसे घोषित करें। इसमें ऐसे जेवरों की संख्या भी बतानी है और उसके अलावा उन जेवरों का वजह भी बताना है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि वर्ष में एक बार उन्हें आयकर विभाग को अपना पूरा स्टाक बताना होता है। अब बीआइएस के लिए वे दूसरी बार स्टाक तैयार नहीं कर सकते। वहीं अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद के अध्यक्ष पुष्पेंद्र जायसवाल ने बताया कि पुणे के सराफा कारोबारियों ने स्टाक की जानकारी देने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने इस मामले में विधि विशेषज्ञों से जानकारी ली। उनके मुताबिक बीआइएस को स्टाक की जानकारी लेने का कोई हक नहीं है। इसलिए अब कानपुर में भी इसके लिए कानूनी राय ली जाएगी कि क्या बीआइएस सराफा कारोबारियों से उनके स्टाक की जानकारी ले सकता है। उनके मुताबिक बीआइएस की जिम्मेदारी यह देखना है कि ग्राहक को सही शुद्धता वाले जेवर मिलें, लेकिन इसके लिए उसे यह चेक करने की जरूरत नहीं है कि किस सराफा कारोबारी के पास कितने जेवर हैं। इससे उनके बिजनेस की गोपनीयता भी भंग होती है। जल्द ही इस संबंध में बैठक कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।