शहर में बढ़ते अपराधों ने पुलिस महकमे में बेचैनी बढ़ा दी है। अपराध पर नकेल कसने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। महकमे ने इसके लिए कोलकाता पुलिस की तर्ज पर शहर में कैमरों का जाल बिछाने का फैसला किया है। अपराध बहुत क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। शहर में 672 ब्लैक स्पाट (अपराध बहुल स्थान) चिह्नित किए गए हैं जहां 3000 कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें 214 सिर्फ साउथ में है जहां पायलेट प्रोजेक्ट के तहत अगले माह कैमरे लगाने काम शुरू हो जाएगा। इन कैमरों की मदद से हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जाएगी। एसएसपी अखिलेश कुमार ने एसपी साउथ रवीना त्यागी को इसका नोडल आफीसर बनाया है। उन्होंने बताया कि कैमरे की क्वालिटी क्षेत्र की संवेदनशीलता के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
सभी रास्तों पर नजर, तीन माह की रिकार्डिग रहेगी सुरक्षित
प्रमुख चौराहों पर दस और सामन्य चौराहे या तिराहे पर चार कैमरे लगेंगे। इनमें पीटूजेड कैमरे भी शामिल होंगे जिनसे वाहनों के नंबर भी पढ़े जा सकेंगे। इनकी तीन माह तक की रिकार्डिग रखने की व्यवस्था होगी। कैमरे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कंट्रोल किए जाएंगे।
व्यापार मंडल व समाजसेवी संस्थाओं की मदद से लगेंगे कैमरे
चिन्हित अपराध बहुल क्षेत्रों में लगने वाले कैमरे व्यापार मंडल व समाजसेवी संस्थान की मदद से लगाए जाएंगे। इसके लिए कई संगठनों ने हामी भर दी है। विधायक व सांसद निधि से भी प्रमुख चौराहों पर हाई रेज्यूलेशन कैमरे लगाने का भी मसौदा तैयार किया जा रहा है। सभी सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठान, दुकान व स्कूल मालिकों को भी परिसर के साथ बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अंधेरे वाले प्वाइंट पर लगेगी लाइट
कैमरों के साथ ही अंधेरे वाले रास्तों पर लाइट की व्यवस्था कराई जाएगी। इन रास्तों पर लोगों की आवाजाही होती है और घटनाएं भी अक्सर होती हैं।
”शहर में अपराधियों व अराजकतत्वों पर नजर रखने के लिए थाना क्षेत्रों की सीमा और चिह्नित 672 अपराध बहुल स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रोजक्ट तैयार किया गया है। ऑनलाइन करने के लिए फाइबर केबिल और इंटरनेट दोनों का प्रयोग किया जाएगा।” -अखिलेश कुमार, एसएसपी