अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान ने छह भारतीय इंजीनियर समेत सात लोगों को सरकारी कर्मचारी समझकर अगवा कर लिया है. इनको अफगानिस्तान के बाघलान प्रांत से रविवार सुबह अगवा किया गया. ये सभी एक भारतीय कंपनी के कर्मचारी हैं, जो वहां इलाके में बिजली का सब-स्टेशन चलाती है.
टोलो न्यूज के मुताबिक बाघलान इलाके से बंदूकधारियों ने KEC इंटरनेशनल कंपनी में काम करने वाले कुल सात लोगों को बंदूक के बल पर अगवा कर लिया. अगवा लोगों में छह भारतीय और एक अफगान नागरिक हैं. सभी केईसी नामक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के कर्मचारी हैं.
बाघलान प्रांत के गवर्नर अब्दुलहाई नीमाती ने दावा किया कि तालिबान ने KEC कंपनी के सात कर्मचारियों को गलती से सरकारी कर्मचारी समझ लिया और अगवा कर लिया. तालिबान आतंकी इनको पुल-ए-खुमरी शहर के दंद-ए-शहाबुद्दीन इलाके की तरफ ले गए हैं. नीमाती ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों के जरिए तालिबान से संपर्क किया है. तालिबान ने कहा कि उसने KEC कंपनी के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी समझकर अगवा किया है.
नीमाती ने कहा कि अगवा किए गए KEC के कर्मचारियों को रिहा कराने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक यह घटना रविवार सुबह उस समय हुई, जब ये लोग इलाके में यात्रा कर रहे थे. KEC कंपनी के इन सात कर्मचारियों को बाघलान प्रांत की राजधानी पुल-ए-खोमरे शहर के बाग-ए-शमल गांव से अगवा किया गया. यह भारतीय कंपनी इलाके में बिजली का सब-स्टेशन चलाती है.
बाघलान प्रांतीय काउंसिल ने इस घटना के पीछे तालिबान के हाथ होने की बात पहले ही कही थी. फिलहाल इस बाबत KEC इंटरनेशनल कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इससे पहले अफगानिस्तान में सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस मामले को लेकर अधिकारी संबंधित विभाग और KEC कंपनी के अधिकारियों के संपर्क में है. अधिकारी घटना की जानकारी ले रहे हैं.
भरतीय विदेश मंत्रालय भी काबुल स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है. साथ ही घटना की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. गृहयुद्ध की आग में झुलसे अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों ने पिछले महीने भी एक सरकारी प्रतिष्ठान में हमला किया था, जिसमें तीन अधिकारियों समेत 15 सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गई थी.
वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान आतंकियों से देश में हो रहे चुनाव में हिस्सा लेने की अपील की. इसके अलावा अमेरिका भी तालिबान आतंकियों से चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने को कह चुका है. अमेरिका ने विदेश में जमे बैठे तालिबान आतंकियों से भी अपने देश वापस लौटने को कहा. अमेरिका ने कहा कि नए सिरे से हमले शुरू करने से तालिबान को कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है.
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