कई बार यूजर की ब्लूटुथ डिवाइस के जरिए ट्रैकिंग हो रही होती है ऐसे डिवाइस की जानकारी यूजर को नहीं होती है। हालांकि अब गूगल और एपल एक नई सुविधा को पेश करने जा रहे हैं।
अपने यूजर्स की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और एपल एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। अल्टाबेट के गूगल और एपल की ओर से हाल ही में यूजर्स को अनवॉन्टेड ट्रैकिंग से बचाने के लिए एक ड्राफ्ट सबमिट किया गया है। सबमिट किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक कंपनियां अब यूजर को ब्लूटुथ के जरिए ट्रैकिंग होने पर नोटिफिकेश अलर्ट भेजेंगी।
गलत तरीके से होगी ट्रैकिंग तो मिलेगा अलर्ट
दरअसल डिवाइस के खोने पर एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स AirTags का इस्तेमाल करते हैं। यह सर्विस ब्लूटुथ ट्रैकिंग के जरिए काम करती है। कई बार यूजर को इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसके डिवाइस के जरिए उसे और उसकी लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है।
ऐसे में अब सारे ब्लूटुथ लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस को अलर्ट भेजने के साथ ही काम करना होगा। यह सुविधा यूजर्स को अनऑथराइज्ड ट्रैंकिंग से बचाने में मदद करेगी।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबमिट किए गए ड्राफ्ट में कंपनियों ने मैन्युफैक्चर्स, सेफ्टी और एडवोकेसी ग्रुप का फीडबैक भी शेयर किया है। इनमें यूजर के सपोर्ट के लिए सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को भी शामिल किया गया है।
सुविधा का गलत हो रहा इस्तेमाल
दरअसल बताया जा रहा है कि इस तरह की सुविधा लाने की जरूरत एक खास वजह से पड़ रही है। AirTags जैसी सुविधा के लॉन्च होने के बाद प्राइवेसी एक्सपर्ट्स और लॉ एनफोर्समेंट ने पाया कि इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। खास कर यूजर्स को ट्रैक करने के लिए साइबर क्रिमिनल द्वारा सुविधा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से यह यूजर की सुरक्षा पर एक बड़ा खतरा बन रहा है।
AirTags को चाबियों, वॉलेट, बैकपैक्स और दूसरे आइटम के साथ जोड़ने की सुविधा मिलती है। यह सुविधा किसी आइटम के खोने की स्थिति में काम आती है। मालूम हो कि यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही एपल ने साल 2021 में एक एंड्रॉइड डिटेक्टर ऐप को लॉन्च किया था, जिसकी मदद से यूजर्स पास के एयरटैग्स और दूसरे सिमिलर आइटम्स को ट्रैक कर सकता है।