होम डिलीवरी की योजना कैसे काम करेगी, यह पूछने पर बताया गया कि एलपीजी गैस सिलेंडरों की होम डिलीवरी की तरह ही पेट्रोल-डीजल की भी होम डिलीवरी होगी। इसके लिए दो तरीके अपनाए जा सकते हैं- पहला, मोबाइल पेट्रोल या डीजल डिस्पेंसर के जरिए घर-घर ईंधन की डिलीवरी हो और दूसरा यह कि एलपीजी की तरह पेट्रोल या डीजल को भी सील बंद कंटेनर में पैक किया जाए।
अधिकारी का कहना है कि दुनियाभर के कई देशों में पेट्रोल-डीजल के लिए मोबाइल डिस्पेंसर उपलब्ध हैं। यहां चूंकि अभी तक इस तरह पेट्रोल-डीजल बेचने की नीति नहीं बनी है, इसलिए इस दिशा में प्रगति नहीं हुई है। एक बार जब नीति बन जाएगी तो सब कुछ हो जाएगा।
शुरुआत में बड़े उपभोक्ता होंगे लक्ष्य
उनके मुताबिक शुरुआत में डीजल या पेट्रोल के बड़े उपभोक्ताओं को लक्ष्य कर इस योजना की शुरुआत की जाएगी। जैसे कोई बड़ा किसान है और खेती के मौसम में हर सप्ताह 500 लीटर डीजल की जरूरत है। वह इसके लिए सब काम छोड़ कर शहर जाकर डीजल लाता है। इन्हें प्री-बुकिंग पर होम डिलीवरी मिलेगी। इसी तरह शहरों के औद्योगिक क्षेत्र में बड़े उपभोक्ताओं को भी होम डिलीवरी दी जा सकती है। ऐसा भी किया जा सकता है कि दूर-दराज के इलाकों में सप्ताह के किसी एक दिन के लिए किसी एक गांव का निर्धारण हो जाए कि इस दिन इस गांव में मोबाइल डिस्पेंसर आएगा, जो चाहे वहां आ कर पेट्रोल-डीजल ले सकता है।