मेलबॉर्न: भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को आम निर्यात कर सकता है। लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा जब भारतीय आम वहां के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरें। आम निर्यात की संभावना दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल संशोधित किए जाने के बाद बनी है ताकि भारतीय आम को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में पहुंचने का मौका मिल सके।
ऑस्ट्रेलियन मैंगो इंडस्ट्री एसोसिएशन के रॉबर्ट ग्रे ने कहा कि भारतीय आम ऑस्ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल जाने के बाद बेचे जाएंगे। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के मुताबिक ग्रे ने कहाए वैश्विक व्यापार में हिस्सेदार के तौर पर यदि हम ऑस्ट्रेलियाई आम के निर्यात के लिए अन्य देशों में जाना चाहते हैं तो हमारा कदम यह है कि दूसरे देशों से आने वाले फल सुरक्षित हों और किसी भी तरह के कीटनाशक या बीमारी को लेकर यहां न आ रहे होंए तभी हम दूसरे देशों को अपने बाजारों में आने की अनुमति दे सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में मैक्सिको, फिलीपींस और पाकिस्तान ने अपने आम ऑस्ट्रेलिया भेजे हैं।
ग्रे ने कहा कि भारत ने अमेरिका को भी आम का निर्यात शुरू किया है लेकिन यह जानना मुश्किल है कि ऑस्ट्रेलिया में यह कितनी मात्रा में आते हैं। उन्होंने कहा भारत बहुत बड़ा आम उत्पादक देश है। उनका आम निर्यात कारोबार हमारी तरह ही है। भारत ऐसे बाजारों को लक्ष्य करेगा जहां वह ज्यादा कीमत वाले उत्पाद छोटी.छोटी मात्रा में बेच सकें। रिपोर्ट में केबी एक्सपोट्र्स के सीईओ कौशल खाखर के हवाले से कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया को सारा निर्यात हवाई मार्ग से किया जाएगा। शुरुआत में उनकी कंपनी का ध्यान अल्फांसो और केसर की किस्मों का निर्यात करने पर होगा। बताया जाता है कि वित्त वर्ष 2017.18 में भारत से आम का निर्यात 50 हजार टन का आंकड़ा पार कर सकता है।