लखनऊ : यूपी कैबिनट के परिवाहन गंत्री और दुराचार के आरोपी गायत्री प्रजापति को तलाशने में लखनऊ पुलिस को पसीने आये जा रहे हैं। शनिवार को पुलिस ने गायत्री की गिरफ्तारी के लिए नान बेलेबिल वारंट कोर्ट से हासिल किया है। वहीं गयात्री के सभी नम्बर बंद हैं। इसकी वजह से पुलिस को उनकी लोकेशन भी नहीं मिल पा रही है। गायत्री के अलावा इस मामले में नामजद बाकी आरोपी भी अंडर ग्राउण्ड हो चुके हैं। पुलिस अब तक उनको भी नहीं पकड़ सकी है।
पीडि़ता का बयान दर्ज करने दिल्ली गयी सीओ आलमबाग शुक्रवार की रात लखनऊ वापस लौट आई। शनिवार को पुलिस गायत्री के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट भी हासिल कर दिया। वहीं चर्चा ऐसी है कि सभी आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में लगे हैं। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री के सभी मोबाइल फोन स्विच ऑफ हैं। इस वजह उनकी लोकेशन पता करने में दिक्कत आ रही है। पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी भी की पर वह हाथ नहीं लगे। शुक्रवार को पुलिस की एक टीम कानपुर और जालौन जनपद भेजी गयी है। गुरुवार को गायत्री की सुरक्षा में लगी लखनऊ और अमेठी पुलिस के जवानों ने पुलिस लाइन में अपनी आमद करायी। इसके अलावा गायत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली पीडि़ता की पुत्री की हालत खराब है। वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है। गुरुवार को इस मामले की विवेचना कर रही सीओ अलामबाग अमिता सिंह दिल्ली पहुंची और पीडि़ता का बयान दर्ज किया।
नामजद तीन आरोपी है सरकारी कर्मचारी
दुराचार के मामले में गायत्री के साथ नामजद तीन आरोपी सरकारी कर्मचारी हैं। अभी तक की गयी छानबीन में इस बात का पता चला है कि एक आरोपी अशोक लेखपाल है, जबकि एक चंद्रपाल हेड कांस्टेबिल है। वहीं तीसरा आरोपी रुपेश राज्य सम्पति विभाग का कर्मचारी है। इसके अलावा नामजद आरोपी विकास वर्मा के पिता टीपी वर्मा पीसीएस अधिकारी है, जबकि दो अन्य आरोपियों के बारे में अभी पुलिस के पास कोई खास जानकारी नहीं है। इस पूरे मामले में गायत्री के अलावा नामजद अन्य आरोपी भी फरार हैं और पुलिस उनको भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
यह है पूरा मामला
बीते 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में मंत्रर गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्मए दुष्कर्म का प्रयासए धमकीए पॉक्सो एक्ट समेत कई अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गयी थी। एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला का आरोपी था कि गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टा दिलाने के नाम पर उनके पांच गौतम पल्ली मंत्री आवास पर मिली थीए जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिला दियाए जिससे वह बेहोश हो गयी थी। इसके बाद गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का भी आरोप लगाया था। इस मामले में विकास वर्माए चंद्रपालए रूपेशए आशीष गुप्ताए पिंटू सिंह व अशोक तिवारी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी विवेचना सीओ आलमबाग अमिता सिंह को दी गयी थी।