यूपी बोर्ड ने पारदर्शिता की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। सूबे के इस महत्वपूर्ण संस्थान में अब हर भुगतान ऑनलाइन होगा। शासन ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि डिजिटल पेमेंट को गांव स्तर तक बढ़ावा मिल सके। बोर्ड प्रशासन जल्द ही इस पर तेजी से अमल शुरू करेगा। जिला विद्यालय निरीक्षक भुगतान का सत्यापन करेंगे, ताकि शासकीय धन की क्षति न होने पाए।
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माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में इधर लगातार नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। बीते जून में मान्यता देने की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है और अब हर तरह के भुगतान ऑनलाइन प्रणाली के तहत करने के आदेश हुए हैं। शासन ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक और बोर्ड सचिव को इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षा शुल्क के साथ ही अन्य शुल्कों को ऑनलाइन ही जमा कराया जाए। शासन ने सूबे में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आइटी इलेक्ट्रानिक्स अनुभाग की सहमति के बाद सभी शुल्कों को ऑनलाइन जमा कराने के लिए कोषागार निदेशालय जवाहर भवन लखनऊ में नई वेबसाइट शुरू की गई है। इसी के जरिए ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है।
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शासन के उप सचिव संतोष कुमार रावत की ओर से कहा गया है कि यूपी बोर्ड कक्षा नौ और 11 का पंजीकरण, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा फीस, मान्यता, अंक पत्र व प्रमाणपत्र और स्क्रूटनी जैसे विविध कार्यों में तय शुल्क लेता है। इसका अब तक भुगतान कोषागार में ट्रेजरी चालान के माध्यम से किया जाता रहा है। पंजीकरण और परीक्षाओं का जो शुल्क कोषागार में जमा होता है उसका सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करते हैं। सत्यापन का कार्य पूरी तरह से मैनुअल होने के कारण सही से सत्यापन न होने की शिकायतें मिल रही थी, साथ ही शासकीय धन की क्षति होने की संभावना बनी रहती थी।
इसीलिए हर तरह के भुगतान को ऑनलाइन किए जाने का कदम उठाया गया है। फिलहाल कालेजों के प्रधानाचार्य ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से कोषागार में भुगतान करा सकते हैं, लेकिन आगे से यह व्यवस्था पूरी तरह से ऑनलाइन ही होगी। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इसी माह इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूपी बोर्ड का परीक्षा फार्म व शुल्क जमा करने के कार्यक्रम में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है।