आपको बता दें कि रेलवे स्टेशन डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन, निजी कंपनी के साथ मिलकर देश के 600 स्टेशनों के रिडिवलेपिंग के काम में जुट गए हैं। इसके अलावा 70 रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जिनके विकास के लिए रेलवे खुद काम कर रहा है। इनमें लोनावाला, पुणे, मुंबई, नागपुर, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, दिल्ली और मैसूर का नाम शामिल है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमेन अश्वनी लोहणी ने विभिन्न जोन्स के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से कहा है कि यात्रियों बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रेलवे प्रयासरत है। पूरे भारत वर्ष में 600 स्टेशनों को चिह्नित किया गया है जिनके विकास का काम आईआरएसडीसी और रेलवे विभाग मिलकर करेगा।
उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में यात्रियों को सुविधा देने का जिक्र किया गया था। जहां लिफ्ट और एस्किलेटर जैसी सुविधाओं को जोड़ने का जिक्र किया गया है। डिआरएम को निर्देश दिए गए हैं कि वह संबंधित काम के लिए आर्किटेक्ट की नियुक्ति करें। रेलवे ने तय किया है कि कर्मशियल बिल्डिंग में तैयार करेंगे ताकि भविष्य में होटल और हॉस्पिटल जैसी सुविधा भी रेलवे द्वारा दी जा सके।