चाचा-भतीजे की सियासी उठापटक के बाद अब सपा में ऑपरेशन क्लीन शुरू हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष की गद्दी पर बैठते ही टीम अखिलेश चाचा के निशाने पर आ गई है। चाचा ने इसका इशारा भी कर दिया है। निशाने की जद में होंगी जिले और शहर की कार्यकारिणी। अखिलेश के करीबी माने जाने वाले कई मौजूदा प्रत्याशी भी इस सियासी जंग की चपेट में आ सकते हैं। अब बस इंतजार है तो टीम अखिलेश को निपटाने के फरमान का।
पिछले कई दिन से सियासत के सबसे बड़े अखाड़े उत्त्र प्रदेश में सियासी जंग चल रही है। सूबे में सियासी पारा पहले से ही हाई है। ऊपर से चाचा-भतीजे के बीच की यह जंग। बेशक इस जंग को खत्म माना जा रहा है। लेकिन सच तो यह है कि कहीं न कही चिंगारी अभी भी सुलग रही है। सपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठते ही शिवपाल यादव ने तीर चलाने शुरू कर दिए हैं। प्रो. रामगोपाल यादव के भांजे सहित चार लोगों को पहले ही निपटा चुके हैं। अब निशाने पर हैं जिला और शहर में बैठी टीम अखिलेश।
प्रत्याशियों पर भी शिवपाल की तलवार
जिले और शहर में बैठी टीम अखिलेश ही अध्यक्ष शिवपाल यादव के निशाने पर नहीं है। अब तक घोषित हो चुके करीब दो सौ से अधिक टिकट पा चुके चुनाव उम्मीदवार भी निशाने पर हैं। सूत्रों की मानें तो इस सियासी जंग के बाद तीन से चार प्रतिशत तक उम्मीदवारों पर तलवार शिवपाल यादव चल सकती है। यह वो लोग हैं जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। कारण के रूप में प्रत्याशियों के कमजोर होने की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
कुछ बदलाव हमारे नए अध्यक्ष कर चुके हैं और अब जो भी बदलाव होंगे वो एक सामान्य प्रक्रिया होगी। नए अध्यक्ष के आने पर तो ऐसा होता ही है। आगामी चुनावों को देखते हुए यह बदलाव किए जा रहे हैं।