New Delhi : भारत में सिगरेट पीने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 में 9300 करोड़ सिगरेट की खपत रही। दुनिया भर में लगभग 110 करोड़ लोग सिगरेट पीते हैं।
उनमें 80 करोड़ पुरुष हैं, जो स्मोकर हैं। अब इन आंकड़ों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी ही मात्रा में फेंके गए सिगरेट के टुकड़ों ( जला हुआ सिगरेट जिसे बट कहते हैं ) की भी होगी। एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में औसतन हर साल फेंके गए सिगरेट-बटों का वजन लगभग 1.69 बिलियन पौंड होता है।
कचरे से हो रही है कमाई: वैसे तो कोई इस कचरे पर ध्यान नहीं देता। लेकिन क्या आपको पता है कि इस कचरे के जरिए भी कुछ लोग बिजनेस कर रहे हैं। खास बात यह है कि यह बिजनेस आइडिया भी ऐसा है जिससे लोगों को रोजगार तो मिल ही रहा है पर्यावरण को भी फायदा पहुंचता है।
जी हां, इस खास बिजनेस करने का आइडिया आया दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट 23 साल के नमन गुप्ता और उनके दोस्त विशाल का। नमन से बातचीत के दौरान इस यूनिक आइडिया और इसकी सफलता की कहानी बताई।
200 से ज्यादा लोगों को मिल रहा रोजगार: नमन के मुताबिक उन्हें पीजी में लोगों की सिगरेट पीने की लत और उसके बचे टुकड़ों को देखकर आइडिया आया। नमन और उनके दोस्त केमिकल साइंस से पढ़े विशाल ने अपने यूनिक आइडिया के जरिए 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। नमन ने बताया कि इससेलगातार लोग जुड़ रहे हैं और आने वाले कुछ सालों में उनका बिजनेस लोगों के लिए मिसाल बनेगा।
यह है बिजनेस: कोड इंटरप्राइजेज एलएलपी के नाम के इस स्टार्टअप का काम सिगरेट-वेस्ट यानी फेंके गए सिगरेट-बटों को रिसाइकिल करना है। नमन और विशाल ने जुलाई 2016 में इसे लांच किया। यह हर किस्म के रिसाइक्लिंग का वन-स्टॉप सोल्यूशन उपलब्ध कराता है।