कनाडा के बाद अब अमेरिका के 96 गुरुद्वारों में भी भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. सिख कॉर्डिनेशन कमेटी ईस्ट कॉस्ट (SCCEC) और अमेरिकी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (APGC) ने कहा कि अमेरिका के 96 गुरुद्वारों में भारतीय राजनयिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह पाबंदी नगर कीर्तन या धार्मिक जुलूस में भी लागू होगी.
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इससे पहले कनाडा के ओंटारियो में 14 गुरुद्वारों में भारतीय राजनयिक अधिकारियों के दाखिल होने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है. इसके अलावा ब्रिटेन के सिख फेडरेशन ने भी अपने यहां के गुरुद्वारों में भारतीय राजनयिक अधिकारियों के प्रवेश पर बैन लगाने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि उन्होंने बाद में यह स्पष्ट किया कि भारतीय अधिकारी अपनी व्यक्तिगत हैसियत से गुरुद्वारा आ सकते हैं.
SCCEC और AGPC खुद को अमेरिका के सभी गुरुद्वारों का समर्थन प्राप्त होने का दावा करते हैं. यह घोषणा अमेरिका के सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के समर्थन में की गई है. SFJ के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नून ने चेतावनी भी दी है कि अगर किसी भारतीय राजनयिक ने पाबंदी का उल्लंघन करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी.
इस प्रस्ताव के मुताबकि भारत सरकार के अधिकारियों और भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी व्यक्ति को अमेरिका के किसी भी गुरुद्वारा में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. यह प्रतिबंध ऑपरेशन ब्लू स्टार का विरोध जताने के लिए की गई है.
शनिवार को न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल स्थित गुरुद्वारा में सिख सभा में SCCEC के समन्वयक हिम्मत सिंह ने कहा कि वे जून 1984 में स्वर्ण मंदिर में की गई सैन्य कार्रवाई के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वर्ण मंदिर के आसपास स्थित 40 अन्य गुरुद्वारों में भी सैन्य कार्रवाई की गई थी, जिसके लिए भी भारत सरकार जिम्मेदार है.
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