इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर सपा की पहल पर बुलाई गई बैठक में बसपा व कांग्रेस शामिल नहीं हुए। इससे विपक्षी एका की कोशिशों को झटका लगा है।हालांकि बैठक में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को छोड़कर शेष सभी दलों ने लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने की मांग पर जोर दिया। सभी दलों के नेताओं ने गोरखपुर व फूलपुर संसदीय सीटों पर उपचुनावों में साझा प्रत्याशी उतारने पर चर्चा की।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर शनिवार को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में हुई बैठक में बसपा और कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। बसपा के बैठक में शामिल नहीं होने की अटकलें तो लगाई जा रहीं थी लेकिन कांग्रेस ने भी इससे किनारा किया।
हालांकि, कांग्रेस की तरफ से ईवीएम के मुद्दे पर समर्थन पत्र मिलने की बात कही गई। अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों की इस पहली बैठक में सभी नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम की विश्वनीयता पर पर लगातार संदेह किया जा रहा है। इससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। आम लोगों में बन रही इस तरह की भावना को दूर करने के लिए आने वाले सभी चुनाव ईवीएम से कराए जाएं।
सीपीआई(एम) के पूर्व राज्य सचिव डॉ. एसपी कश्यप ने कहा कि जनता में ईवीएम को लेकर अविश्वास एवं संदेह पैदा हो रहा है। निर्वाचन आयोग को इन संदेहों को दूर करना चाहिए। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के साथ वीवीपैट लगी होनी चाहिए ताकि वोटर को पता चल सके कि उसने किस पार्टी के पक्ष में मतदान किया है। मतगणना के समय वीपीपैट व ईवीएम दोनों से गिनती होनी चाहिए। उनमें अंतर आने पर पुनर्मतदान होना चाहिए। बैठक में सपा की ओर से आजम खां, रामगोविन्द चौधरी, अहमद हसन, नरेश उत्तम पटेल, राजेंद्र चौधरी और एसआरएस यादव शामिल थे।
इन्होंने किया बैलेट से चुनाव का समर्थन
समाजवादी पार्टी के अलावा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राकेश, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश दीक्षित, आम आदमी पार्टी के गौरव माहेश्वरी, जनवादी पार्टी के डॉ. संजय चौहान, राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा के नसीमुद्दीन सिद्दीकी, जनता दल यू (शरद यादव) के सुरेश निरंजन भईया, अपना दल की उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल, पीस पार्टी से डॉ. मोहम्मद अयूब, और निषाद पार्टी के डॉ. संजय कुमार निषाद ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का समर्थन किया। सपा नेताओं ने कहा कि चुनाव में धांधली की गुंजाइश बढ़ती जा रही है।
…तो चुनाव परिणामों पर नहीं होगा भरोसा
विपक्षी नेताओं का कहना था कि अगर मतदाताओं का भरोसा ईवीएम पर नहीं रहा तो फिर चुनाव के परिणामों पर भी भरोसा नहीं होगा। वैसे भी मतदाता को ईवीएम मशीन की न आदत है, न अभ्यास है और न ही यकीन है। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि मतदान में किसी तरह का छल न हो।