सपा शासनकाल में भारतीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की सहायता से सड़क व पुल निर्माण के लिए प्रस्तावित 42 से अधिक परियोजनाओं को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इन परियोजनाओं की जगह 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुल व सड़क के नए प्रस्ताव नाबार्ड को देगी। इस संबंध में उच्च स्तर पर सहमति बन गई है।
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अखिलेश यादव शासनकाल में नाबार्ड वित्त पोषित ग्रामीण अवस्थापना विकास फंड (आरआईडीएफ) -22 योजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में सड़क व सेतु निर्माण के प्रस्ताव दिए गए थे।
जानकार बताते हैं कि शासन ने नाबार्ड को यह सूचित करने का फैसला कर लिया है कि आरआईडीएफ-22 में नाबार्ड द्वारा अनुमोदित सात सेतुओं व 35 मार्गों, जिनकी वित्तीय स्वीकृति 2015-16 में जारी नहीं की गई, उनकी स्वीकृति पर आगे कार्यवाही न की जाए।
इसी तरह नाबार्ड से कहा यह भी कहा जाएगा कि आरआईडीएफ-22 की सेतु व मार्ग की लंबित परियोजनाओं को आरआईडीएफ-23 में स्पिल ओवर की कार्यवाही न की जाए।
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