सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि इन्वेस्टर्स समिट में हुए 4.28 लाख करोड़ के एमओयू की समय सीमा तय करें। इसके क्रियान्वयन के लिए जो कार्यवाही अधूरी है, उसे पूरा किया जाए। विभाग इसके लिए व्यक्तिगत जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सोमवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार व एमओयू से जुड़े 40 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव स्तर के अफसरों के साथ बैठक में निर्देश दिए।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि बैठक में एमओयू को धरातल पर उतारने को लेकर चर्चा हुई। जिन विभागों के यहां अभी नीति नहीं बनी है, सीएम ने उन्हें मार्च तक नीतियां बनाने के निर्देश दिए। जिन विभागों में नीतियां बन गई हैं उन्हें 15 दिन के अंदर शासनादेश जारी करने को कहा गया है।
सीएमओ करेगा निगरानी
पांडेय ने बताया कि आईआईडीसी कार्यालय व मुख्यमंत्री कार्यालय एमओयू पर समयबद्घ तरीके से क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।
निवेशकों को नीतियों के तहत ही सुविधाएं, केस-टू-केस से बचेगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि उद्योगों को नीतियों के अनुसार ही सुविधाएं दी जाएं। नीति से हटकर केस टू केस बेसिस की प्रक्रिया से बचा जाए।
मुख्यमंत्री इन्वेस्टर्स समिट व इसके बाद हुए एमओयू के क्रियान्वयन की रणनीति को लेकर सोमवार को आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। यहां मुख्य सचिव राजीव कुमार ने समिट के संबंध में रिपोर्ट पेश की। आईआईडीसी अनूप चंद्र पांडेय ने प्रजेंटेशन के जरिए प्रस्तावित नीतियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने लैंड बैंक सृजन के कार्य को प्राथमिकता पर पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को अपने-अपने विभाग से संबंधित नीति के अनुसार निवेशकों की जिज्ञासाओं का तेजी से समाधान कर एमओयू पर अमल कराने को कहा।
मुख्यमंत्री के सामने डिफेंस कॉरिडोर की विस्तृत योजना तथा ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए रोड कटिंग के संबंध में भी प्रजेंटेशन हुआ। नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में यूपीनेडा किस प्रकार निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित कर सकता है, इसकी भी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड तथा पूर्वांचल में अधिकाधिक निवेश आकर्षित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल भी उपस्थित थे।
अगले साल ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट
मुख्यमंत्री ने अगले साल ‘ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट’ कराने का एलान किया है। उन्होंने इंवेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा कि ग्लोबल समिट भी इसी तरह टीम भावना से कराना होगा।
एक जनपद-एक उत्पाद के कारीगरों का बनेगा डाटाबेस
मुख्यमंत्री ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना को मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, स्टार्टअप योजना आदि से जोड़ेने और कौशल विकास मिशन द्वारा योजना के तहत परंपरागत कारीगरों के कौशल विकास के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलों में कुटीर उद्योगों से जुड़े कारीगरों व उनके उत्पादन, बिक्री आदि का डाटाबेस तैयार कराने और डिजाइन, विपणन तथा निर्यात आदि सुविधाएं कारीगरों तक पहुंचाने की रणनीति बनाने का निर्देश दिया।
सिक यूनिट्स को शुरू करने के लिए लाएंगे नीति
मुख्यमंत्री को बताया गया कि जनरल स्टार्टअप नीति का नवीन ड्राफ्ट व सिक यूनिट्स नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाना है। इसके अलावा एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन, वस्त्रोद्योग सेक्टर की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग एवं आईटी, स्टार्टअप के सबंध में शासनादेश जारी होने हैं।
मंडी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव
बैठक में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति के तहत पीपीपी मॉडल पर कार्य कराने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। साथ ही मंडी, खाद्य तथा एग्रो उद्योगों में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए मंडी अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।
निवेश मित्र पोर्टल पर 235 आवेदन
निवेश मित्र ऑनलाइन पोर्टल पर पिछले पांच दिनों में 235 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें अनापत्तियों के लिए 39 आवेदन मिले हैं। बैठक में निवेश मित्र के तहत अग्नि एवं विद्युत सुरक्षा जैसी क्रिटिकल सुविधाओं की एनओसी को छोड़कर बाकी नॉन-क्रिटिकल सुविधाओं में डीम्ड अप्रूवल्स की व्यवस्था लागू करने पर भी चर्चा हुई।