अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि वह देशहित की बात करते हैं तो लोग इसे राजनीति से जोड़कर देखते हैं। वह देशभक्त हैं लेकिन राजनेता नहीं। आगामी कम से कम तीन साल तक तो किसी भी दल से नहीं जुड़ेंगे। खेर ने उनके राजनीति में आने के कयासों पर विराम लगा दिया है। राहुल गांधी के खिलाफ BJP ने बनाया ये बड़ा प्लान, अमित शाह व स्मृति ईरानी करेंगे अमेठी का दौरा
कसौली में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में हिस्सा लेने पहुंचे अनुपम खेर रविवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। हिमाचल से उन्हें मुख्यमंत्री प्रस्तावित किए जाने के सवाल पर अनुपम खेर ने कहा कि इस सिलसिले में उन्हें कई लोगों के ई-मेल आते रहे हैं।
लेकिन न तो उन्होंने कभी इस बारे में गंभीरता से विचार किया और न ही अभी तक किसी पार्टी ने उन्हें ऐसा कोई न्योता दिया है। यदि कोई पार्टी उन्हें हिमाचल से चुनाव लड़ने का ऑफर देती भी है तो वे इस स्थिति में नहीं हैं कि चुनाव लड़ पाएं।
ऐसे में राजनीति के लिए फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है। अनुपम खेर ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को उनके अधिकार मिलने चाहिए। यह अफसोस की बात है कि अब तक कोई भी सरकार उन्हें अधिकार दिलाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
वह उभरते हुए लेखकों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जिसके लिए अगले साल से नए लेखक को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि लेखक हिंदी, अंग्रेजी और मराठी भाषा का हो सकता है, जिसका चयन उसकी लेखन क्षमता के आधार पर होगा।