हरियाणा सरकार ने 350 टीचरों को पद से हटा दिया है, जिसके चलते वे अब बेरोजगार हो गए है। वहीं सरकार के इस फैसले के पीछे बड़ी वजह पता चली है। दरअसल, हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सेवारत गेस्ट शिक्षकों के सरप्लस होने पर उन्हें नौकरी से हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पांच सितंबर को नियमित टीजीटी के तबादलों के बाद साढ़े तीन सौ गेस्ट शिक्षकों की नौकरी गई है। नियमित शिक्षकों के आने पर स्कूल मुखियाओं ने गेस्ट शिक्षकों के सरप्लस होते को आधार मानते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया।अभी-अभी: पतंजलि के प्रोड्क्टस लेकर हुआ बड़ा धमाका, अब बाबा रामदेव नहीं……..
छह सितंबर के बाद से अब यह गेस्ट शिक्षक बेरोजगार हैं। सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में हलफनामा दे चुकी है कि नियमित भर्ती होने या नियमित शिक्षकों की ज्वाइनिंग पर गेस्ट शिक्षकों को हटाया जाएगा। इससे गेस्ट शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हटाए गए गेस्ट टीचर्स का समायोजन उसी स्थिति में होगा, जब स्थानीय जिले या अन्य जिलों में उनके विषय के पद खाली हों। इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय से जिला शिक्षा अधिकारियों को बुधवार को भेजे गए पत्र ने जूनियर गेस्ट टीचर्स की टेंशन बढ़ा दी है।
निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि सरप्लस पुरुष और महिला शिक्षकों का पद खाली होने पर समायोजन करें। यदि संबंधित जिले में पद खाली नहीं हैं तो अन्य जिले में समायोजन किया जाए। वहां एक ही विषय के दो गेस्ट टीचर होने पर सीनियर को समायोजित कर जूनियर गेस्ट को कार्यमुक्त करें। जिला शिक्षा अधिकारियों को संबंधित जिले में पद खाली न होने, समायोजित गेस्ट और कार्यमुक्त गेस्ट की पूरी जानकारी तत्काल निदेशालय को भेजनी होगी।
दो दिन में त्रुटि सुधारने के दिए निर्देश
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. केके खंडेलवाल ने नौकरी से हटाए गेस्ट को वर्कलोड अनुसार समायोजित करने और एमआईएस पोर्टल में हुई गड़बड़ी को दो दिन में सुधारने के निर्देश दिए हैं। संयुक्त निदेशक वीरेंद्र दहिया को इसका जिम्मा सौंपा गया है। छात्र संख्या के अनुसार वर्कलोड होने पर हटाए गए गेस्ट दोबारा नौकरी पर रखे जाएंगे।
नवनियुक्त जेबीटी को स्कूल आबंटित करने के लिए कुछ जिलों में पद रिक्त न होने पर गेस्ट टीचर्स को हटाने के निर्देश दे दिए हैं, लेकिन सभी गेस्ट टीचर्स को अभी भी नहीं हटाया गया है। वीरवार को हाईकोर्ट आदेशों के बावजूद जेबीटी पदों पर लगे गेस्ट टीचर्स को न हटाने पर सतीश कुमार व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस दया चौधरी ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका के अनुसार हाईकोर्ट द्वारा रेगुलर जेबीटी भर्ती के तुरन्त बाद सभी गेस्ट टीचर्स को हटाने के लिए वर्ष 2011 में तिलकराज केस व वर्ष 2015 में संजय कुमार केस में दिए गए फैसले की विभागीय अधिकारी पूरी तरह से अनुपालन नहीं कर रहे हैं। 9000 से ज्यादा रेगुलर जेबीटी शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है लेकिन शिक्षा विभाग सभी गेस्ट टीचर्स को हटाने की बजाय सिर्फ 5-6 जिलों में नियुक्त गेस्ट टीचर्स को ही हटा रहा है।