शहर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। इस मामले के बाद से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है। बदमाशों ने तकरीबन 50 राउंड गोलियां चलाईं थी, जिसमें से नीरज को 17 गोलियां लगीं। इस खूनी खेल को धनबाद का सबसे बड़ा गैंगवार माना जा रहा है।
सन् 2010 में नीरज का नाम पहली बार लोगों की जुबान पर तब आया था जब नीरज ने डिप्टी मेयर का चुनाव जीतकर धनबाद की राजनीति में शानदार इंट्री मारी थी। नीरज शहर के दबंगों में से एक थे। फिलहाल, नीरज के बड़े भाई संजीव सिंह (सूर्यदेव सिंह के बेटे) झरिया से भाजपा विधायक हैं। दोनों भाईयों के बीच तनाव बना रहता था। हाल ही में संजीव सिंह के एक सहयोगी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह का नाम सामने आया था। नीरज सिंह के परिजनों की मानें तो घटना के बाद से ही परिवार में खूनी संघर्ष की आशंका बढ़ गई थी। मंगलवार को हुई इस वारदात के बाद नीरज सिंह के परिजन इसे बदला करार दे रहे हैं।
इस घटना से बाद से पूरे शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। सेंट्रल अस्पताल में नीरत ने दम तोड़ा जहां उनसे समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। आक्रोशित नीरज समर्थकों ने एसपी सिटी अंशुमन कुमार से भी धक्का-मुक्की की. घटना के बाद संजीव सिंह के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं घटना के तुरंत बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर झारखण्ड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘धनबाद में कर्फ्यू जैसे हालात हैं, पूर्व डिप्टी मेयर की दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती है। राज्य की भाजपा सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।’