UP में अभी योगी सरकार प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रही हो लेकिन गुजरात सरकार ने ये कर दिखाया है। गुजरात सरकार ने एक कानून बनाया है जिसके तहत ज्यादा फीस लेने वाले स्कूल को 24 घंटे के भीतर बंद किया जाएगा।
बता दें कि गुजरात सरकार ने गुजरात विधानसभा में स्कूल फीस नियंत्रण विधेयक पास कर उसे कानून के लिये राज्यपाल के पास भेज दिया था। जिस पर आज राज्यपाल ओपी कोहली ने हस्ताक्षर कर बिल को मंजूरी दे दी है, जो जल्द ही कानून के तौर पर गुजरात में लागू हो जाएगा।
इस बिल के तहत गुजरात के सभी प्राइवेट स्कूलों में प्राइमरी स्कूल की फीस सलाना 12 से 15,000 रुपए, माध्यमिक स्कूल की फीस 25,000 और उच्च माध्यमिक स्कूल की फीस 27,000 रुपये होगी। इससे ज्यादा फीस किसी भी स्कूल में नहीं ली जा सकती।
गुजरात सरकार के इस नए कानून के चलते अब स्कूलों में फीस को लेकर मनमानी बंद हो जायेगी, दरअसल आए दिन स्कूल अलग-अलग तरह के प्रोजेक्ट और कंप्यूटर ट्रेनिंग के नाम पर ज्यादा से ज्यादा फीस वसूलते रहते हैं, लेकिन इस कानून के बनने के बाद सभी चीजों पर अब नियंत्रण लग जाएगा।
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चुडासमा का कहना है कि इस विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के साथ ही अब नए कानून के नियम जल्द ही बाहर रखे जाएंगे। जिसके मुताबिक कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों से मनचाही वसूली नहीं कर पाएगा।
चुडासमा ने ये भी कहा कि स्कूल की फीस को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें 4 हाईकोर्ट के रिटायर जज के साथ-साथ शिक्षाविद रहेंगे जो स्कूल की फीस को लेकर सभी स्कूलों पर नजर रखेंगे. इतना ही नहीं जून से शुरु हो रहे नए शिक्षासत्र को लेकर जल्द ही इस कमेटी द्वारा घोषणा भी की जायेगी। अगर किसी भी स्कूल ने छात्रों से ज्यादा फीस वसूली तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई होगी, यहां तक कि उनके स्कूल की मान्यता रद्द करने का हक भी इस कानून में होगा।
सरकार ने इसी साल से अभिभावकों से विनती की है कि वो पूरे साल की फीस एक साथ न दें, वो सिर्फ 3 महीने की फीस दें ताकि कानून में जो नियम बनें उसके आधार पर फीस दी जाए, हालांकि सरकार के इस फैसले से स्कूल मैनेजमेंट काफी नाराज है, स्कूल लगातार छात्रों के अभिभावकों से फीस भरने के लिये कह रहा है, जबकि सरकार इस कानून के जरिए प्राइवेट स्कूल की बेलगाम फीस पर लगाम कसना चाहती है।
मध्यम वर्ग मिलेगी राहत:
- राज्य शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने कहा कि मनमाने फीस वसूलने वाले कई स्कूलों की अनगिनत शिकायते मिली थी।
- जिसमें अभिभावकों पर किसी खास जगह से जूते, ड्रेस और किताबें खरीदने का भी दबाव बनाते हैं।
- इतना ही नहीं एडमिशन के लिए भारी-भरकम डोनेशन भी वसूलते हैं।
- उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसी बातों को गैरकानूनी बना दिया गया है।
- इसके साथ ही कानून में तय फीस में सभी तरह के शुल्क शामिल होंगे।
- उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा का खर्च उठाने में कठिनता अनुभव करने वाले मध्यम वर्ग को खासी राहत मिलेगी
शिकायत मिलने पर दण्ड का प्रावधान:
- नये कानून के तहत सिर्फ ही नहीं तय हुई बल्कि ऐसे स्कूलों की शिकायत मिलने पर दण्ड का प्रावधान भी बनाया गया।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुजरात स्वनिर्भर शाला फी नियमन विधेयक में दी जानकारी।
- कहा कि इस सीमा से अधिक फीस लेने वाले स्कूलों को पहली गलती पर पांच लाख दंड लगेगा।
- साथ ही दूसरी गलती पर स्कूलों को दस लाख का दंड देना होगा।
- ऐर अगर तीसरी गलती सामने आई तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
- गौरतलब है कि इस मामले में शिकायतें लेने और इनकी जांच समेत अन्य संबंद्ध मामलों की सुनवाई के लिए चार क्षेत्र अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट में चार समितियों का गठन होगा।