विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद शुरू हुई इन्फोसिस की परेशानियां और बढ़ती हुई दिख रहीं है. अमेरिका की तीन लॉ फर्म ब्रोन्सटेन,गेविर्ट्ज एंड ग्रॉसमैन, पॉमेर्टेन्ज लॉ ने कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इन्फोसिस के शेयर गिरने से निवेशकों को होने वाले नुकसान के लिए कंपनी के खिलाफ मुकदमा करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि सिक्का के इस्तीफे से इन्फोसिस के शेयर 13 तक गिर गए थे.जिससे कंपनी का मार्केट कैप 30,000 करोड़ रुपए घट गई. इसका मतलब साफ है कि निवेशकों को सीधे-सीधे 30,000 करोड़ रुपए का चूना लग गया.
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मुकदमा दायर करने की तैयारी
ब्रॉन्सटाइन, गर्व्ज ऐंड ग्रोसमैन लॉ फर्म, पॉमरैंज लॉ फर्म और रोजन लॉ फर्म ने इन्फोसिस के खिलाफ इस बात जांच भी शुरू कर दी है कि क्या कंपनी के डायरेक्टरों ने गलत व्यावसायिक सूचना देकर निवेशकों को भ्रमित किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोजन लॉ फर्म ने निवेशकों के नुकसान की वसूली के लिए क्लास ऐक्शन सूट की भी तैयारी कर रही है
मुआवजा के तौर पर देनी पड़ सकती है बड़ी राशि
ब्रॉन्सटाइन, गर्व्ज ऐंड ग्रोसमैन लॉ फर्म ने कहा कि वह इन्फोसिस के शेयरधारकों की ओर से संभावित दावों की जांच कर रही है. अमेरिकी लॉ फर्में ऐक्शन लॉ सूट में कंपनी के मार्केट कैप के 10 फीसदी के बराबर मुआवजे की मांग कर सकती हैं. इन्फोसिस 2.25 या 2.5 लाख करोड़ की कंपनी है और इसके 10 फीसदी के बराबर की मुआवजा राशि काफी बड़ी होगी.
एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि अगर सीईओ के इस्तीफे से शेयर गिरते हैं तो लॉ सूट का कोई मामला नहीं बनता है. लेकिन, इन्फोसिस पर इस मुकदमेबाजी का बड़ा असर इसलिए हो सकता है क्योंकि उसके ज्यादातर ग्राहक अमेरिका में ही हैं. आपको बता दें कि इन्फोसिस के 87.76 फीसदी शेयर पब्लिक के पास है जबकि वेंगार्ड, ऑपनहाइमर, अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर सरकार प्रमुख विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों में शामिल हैं.
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