जेल से बाहर आए एक शख्स ने राम रहीम का एक ऐसा सच खोला, जिसके बारे में सोच भी नहीं सकते। इसलिए उसने आईजी जेल को लेटर लिखा है। दरअसल, रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा मुखी को अप्रत्यक्ष तरीके से सरकार की तरफ से लाभ पहुंचाने का आरोप है। बाबा की बैरक डेरे की गुफा से कम नहीं है।
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रात के अंधेरे में सफेदपोश लोग डेरामुखी से मिलने आते हैं। विदेशी उपकरणों से डॉक्टर बाबा का इलाज कर रह रहे हैं। यह खुलासा किया है सुनारिया जेल से उपचार के लिए पीजीआई लाए गए संत गोपालदास ने। संत ने आरोप लगाया है कि प्रशासन जेल के भीतर के राज को बाहर न आने के लिए सावधानी बरत रहा है।
संत ने मानवाधिकार आयोग के अलावा आईजी जेल को भी जेल मैनुअल के उल्लंघन की शिकायत का पत्र भेजा है। पिछले सौ दिनों से गोचरान भूमि की मांग पर अनशन कर रहे संत गोपालदास को सुनारिया जेल से पीजीआई में भर्ती कराया गया।
शनिवार को संत गोपालदास ने बताया कि एक दिन अस्पताल की ओर से आई जांच टीम ने विदेशी उपकरण का इस्तेमाल करके उपचार करना चाहा। तब पता चला कि डेरामुखी के लिए विदेश से यह उपकरण आए हैं। संत ने बताया कि इस पर आपत्ति जताया और मैनुअल मशीन से ही जांच करने की बात कही।
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राम रहीम को मिलने वाली सुविधाओं के चलते जेल में अन्य कैदियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संत का आरोप है कि सरकार आईजी स्तर के अधिकारी को सेवा में लगा रखा है। संत गोपालदास ने जेल मैनुअल के उल्लंघन और राम रहीम को लेकर हो रहे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के चलते आईजी जेल जगजीत को एक पत्र लिखा है।
संत के पत्र से जेल प्रशासन में हड़कंप
संत की ओर से लिखे गए पत्र से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। उस पत्र के बाद जेल प्रबंधन को खुफिया जानकारी मिली थी कि संत गोपालदास की वजह से कैदियों को भड़काया जा रहा है। आरोप है कि इसके चलते संत को उपचार के लिए पीजीआई में भर्ती कराया गया।
आरोप लगाया कि सरकार जानबूझ कर उसे जेल से बाहर रख रही है। उसकी मांग पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उनका कहना है कि जानबूझकर डॉक्टरों की ओर से उन्हें अनफिट बताया जा रहा है ताकि उसे जेल न भेजकर यहीं रखे। अगर मैं जेल गया तो राम रहीम की सुविधा में बाधा में बाधा पैदा होगी।
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