उत्तराखंड के चमोली जिले से लगी चीन सीमा पर चीनी सैनिक करीब एक घंटे तक बाड़ाहोती में जमे रहे। हालांकि जिला प्रशासन घुसपैठ से साफ इंकार कर रहा है। दोकलाम के बाद अब उत्तराखंड के चमोली जिले से लगी चीन सीमा पर भी तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।‘टेलीग्राम’ से हुआ बड़ा खुलासा: ISIS की लड़ाई में मारा गया केरल का एक और आतंकी…
बताया जा रहा है कि विगत 26 जुलाई को जब देश की अंतिम चौकी रिमखिम में आईटीबीपी के जवान नियमित गश्त कर रहे थे, तभी करीब दो सौ चीनी सैनिक नो मेंस लेंड बाड़ाहोती में घुस आए।
बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक करीब एक घंटे तक बाड़ाहोती में जमे रहे। हालांकि जिला प्रशासन चीनी सैनिकों की घुसपैठ से साफ इंकार कर रहा है।
चीन की ओर से कई बार की जा चुकी है घुसपैठ की कोशिश
इससे पहले वर्ष 2014 में एक चीनी हेलीकॉप्टर बाड़ाहोती क्षेत्र में काफी देर तक आसमान में मंडराता रहा। वर्ष 2015 में चीनी सैनिकों की ओर से भारतीय चरवाहों के खाद्यान्न को नष्ट कर दिया गया था। वर्ष 2016 में सीमा क्षेत्र के निरीक्षण पर गई चमोली प्रशासन की टीम का भी चीनी सैनिकों से सामना हुआ था।
यहां बता दें कि चमोली जिले के अंतिम नगर क्षेत्र जोशीमठ से आईटीबीपी की अंतिम रिमखिम चौकी करीब 105 किलोमीटर पर स्थित है। यहां से आगे नो मेंस लेंड बाड़ाहोती एरिया है।
26 जुलाई को बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोई सूचना नहीं है। उच्च अधिकारियों ने भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मांगी है। जोशीमठ प्रशासन से भी मामले की जानकारी ली गई, लेकिन सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि की सूचना नहीं मिली है।
चीनी सेना की घुसपैठ से शासन में खलबली
बाराहोती में 25 जुलाई को चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबर पर शासन में खलबली मची हुई है। राज्य के आला अधिकारियों ने इस घुसपैठ की पूरी जानकारी जुटाई। साथ ही गृह विभाग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा भी की। सूत्रों की मानें तो आईटीबीपी के साथ सामंजस्य बनाकर निगरानी करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी इसी तरह से चीनी हेलीकॉप्टर और उनके जवान उत्तराखंड की सीमाओं में दाखिल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मामला है। हमारी सेना सीमा पर तैनात है, जो इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम है।