एक बयान में एयरसेल ने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा, कानूनी और नियामक चुनौतियों के चलते नई कंपनी के लिए इस इंडस्ट्री में प्रवेश करना घातक है। साथ ही कर्ज के बोझ तथा बढ़ते घाटे की वजह से कंपनी के कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ा और उसकी छवि भी प्रभावित हुई है। कॉरपोरेट देनदार (एयरसेल सेल्यूलर, डिशनेट वायरलेस और एयरसेल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने तीन कंपनियों के लिए अंडरटेकिंग कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 10 के तहत आवेदन दाखिल किया है।
कहा, इंडस्ट्री में उसे बुरे वक्त का सामना करना पड़ रहा
कंपनी ने कहा कि सीआईआरपी दाखिल करना मौजूदा हालात के लिए सर्वोत्तम संभव समाधान खोजने की एक प्रक्रिया है। यह फैसला संयुक्त कर्जदाता फोरम की बैठक के बाद लिया गया है। इसमें कर्जदाताओं ने दिवालियापन सुरक्षा के लिए एनसीएलटी में जाने की मांग की थी।