
मैं सोच रहा था कि आखिरी बार अरविंद केजरीवाल जी दफ्तर कब गए थे? सचिवालय की सीढ़ियां कब चढ़ी थी? दिल्ली वालों को शायद अंदाज़ भी न हो कि उनका CM पिछले एक साल में मुश्किल से दो दिन आफिस गया है।
अब जब चारों तरफ से लोग आ आकर मुझे जानकारियां दी रहे हैं तो एक चीज समझ आ रही है, जिस काम में भ्रष्टाचार संभव था, वो काम न LG रोक पाए न केंद्र सरकार। और जिन कामों में भ्रष्टाचार नहीं होता वो सब LG और केंद्र सरकार के बहाने फंस दिए गए। मोहल्ला क्लिनिक के जो details सामने आ रहे है उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि LG या केंद्र या कानून या कोर्ट किसी का कोई भी डर बाकि था। हर कानून की समानता के साथ धज्जियां उड़ाई गयी।
अरविंद जी बंद कमरों में आज कल अपने साथियों से एक बात कह रहे है, जनता से मत डरो, जनता 15 दिन में सब भूल जाती है। इसीलिए वो चुप है कि 15 – 20 दिन में लोग भूल जाएंगे।
दुष्यंत ने कहा है कि
“तुम्हारे पांव के नीचे ज़मीन नहीं
कमाल ये कि तुम्हे फिर भी यकीन नहीं “
देश का सबसे कम जनता से मिलने वाला CM, देश का सबसे कम दफ्तर जाने वाला CM, देश का अकेला CM जिसके पास कोई विभाग नहीं, देश का सबसे कम काम करने वाला CM, वैसे तो हमेशा ही छुट्टी पर रहते है, पर उसके बावजूद आधिकारिक तौर पर भी छुट्टियां लेते है और इस मामले में भी देश मे सबसे ज्यादा छुट्टियां लेने वाला CM और जैसी जानकारियां सामने आ रहीं है शीघ्र ही वो ऐसे CM बनने वाले है जिन पर देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले चल रहे होंगे।
क्या अपनी खुद की Performance Report जनता के सामने रखने का माद्दा है अरविंद केजरीवाल में?
हर सवाल का एक जवाब – आपराधिक चुप्पी।
आप नहीं बोले। बोलने का कष्ट करियेगा भी नहीं, क्योंकि अब जनता बोलेगी।
जिन दिल्ली वालों का ये पैसा था जो खुलेआम लूट गया, जिन दिल्ली वालों का ये भरोसा था जो सरेबाजार तोड़ा गया, जिन दिल्ली वालों के कंधे पर चढ़कर लाल किले के सपने बुने गए, अब वो दिल्ली वाले बोलेंगे।
और हां, याद रखना जनता भूलती नहीं।
जी हां, अब जनता बोलेगी।- कपिल मिश्रा
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