आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन रविवार को हुआ। इसमें जब कुमार विश्वास की बोलने की बारी आई तो वो अपने विचार व्यक्त करने से नहीं चूके। वो अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना ही उनपर निशाना साधते चले गए।अखिलेश ने ट्विटर पर भाजपा सरकार की मंशा पर खड़े कर दिए सवाल…
कुमार विश्वास ने कहा,’षड्यंत्रकारी कहते हैं कि हम दूसरी पार्टी में चले जाएं या वहां चले तो नहीं जाएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि वहां तो अंधेरा है तो कैसे स्वराज का दीपक जलेगा। यदि यह आंदोलन असफल हुआ तो मांताएं 40 साल तक बेटों को आंदोलन में भेजना बंद कर देंगी, आंदोलन से लोगों का भरोसा ही उठ जाएगा।’
’जब हम रामलीला मैदान पर इकट्ठा हुए तो कुछ लोग कॉरपोरेट में अखबारों में नौकरी कर थे, लेकिन उनमें क्रांति नहीं जगी। इसके बाद हमने पार्टी बनाई, लेकिन क्रांति नहीं जगी। इसके बाद जब पहली बार सरकार बनी तो ऐसे लोग आए, हो सकता है क्रांति देर से जगी हो, लेकिन इनका भी स्वागत है।’ उनका ये बयान आशुतोष के लिए था।
कुमार विश्वास ने पार्टी छोड़ने की बात पर कहा,’बीते 8 महीनों से मैं बोला नहीं हूं क्योंकि पीएसी की बैठक नहीं हुई। एक नैशनल काउंसिल हुई, लेकिन वक्ताओं में मेरा नाम नहीं था। बीते 7 महीने से हजारों कार्यकर्ताओं से मिलकर मैंने जाना कि 7 महीने से बोलने का अवसर न मिलने पर मुझमें इतनी बेचैनी है तो जो 5 साल से नहीं बोल पा रहे, उनमें कितनी बेचैनी होगी।’