नई दिल्ली: अभी अभी खबर आ रही है कि आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि कोऑपरेटिव बैंको के उपभोक्ताओं के खातों के साथ भयंकर छेड़छाड़ की गई है।
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आपको बता दें कि IT ने RBI को लेटर लिख कर ये खुलासा किया है।
कोऑपरेटिव बैंक में बड़ा घोटाला भी सामने आया है। करोड़ों रुपए का लोन फर्जी फर्मों को जारी कर दिया गया। जांच हुई तो कोई भी फर्म मौके पर नहीं मिली। छप्पर पुलिस थाना में इस घोटाले की पहली एफआईआर हुई है।
कलावड़ और हरनौल शाखा से छह फर्मों को 87 लाख रुपए का लोन साल 2012-14 में जारी किया गया। इस मामले में सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन सीईओ लोकेश दत्त, सीनियर अकाउंटेंट कृष्ण कुमार, कलावड़ ब्रांच मैनेजर करनैल सिंह और लोनी रणधीर सिंह पर पुलिस ने आईपीसी की धारा-420, 409 और 120बी में केस दर्ज किया है।
इसके अलावा अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दि यमुनानगर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन केहर सिंह झंडा की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
झंडा का कहना है कि इसी तरह का घोटाला संधाली, बुड़िया, जठलाना सहित कई ब्रांच में सामने आया है। वहीं इन ब्रांचों में हुए घोटाले की भी जल्द एफआईआर दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
मैंने कोई गलत काम नहीं किया
पूर्वसीईओ लोकेश दत्त का कहना है कि तो कोई फर्म फर्जी है। ही लोन जारी करने में कोई कोताही बरती गई। बैंक ने उनको 2014 में रिलीव कर दिया था। यदि कोई लोन में कोई गड़बड़ी होती तो उनको रिलीव किया जाता है। अब जो कार्रवाई हो रही है वह राजनैतिक कारणों से हो रही है। दबाव में पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा। वे सभी आरोपों का खंडन करते हैं और किसी भी जांच के लिए तैयार है। वहीं मैनेजर अन्य से पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया। मगर बात नहीं हो पाई।