गुजरात में विधानसभा चुनाव करीब आने के बीच बीजेपी ने यहां भी गौरक्षा कार्ड खेलने की तैयारी कर ली है। विजय रुपानी सरकार गायों की सुरक्षा से जुड़े कानून को और सख्त बनाने वाला एक बिल आज विधानसभा से पास करा लिया है। इस बीच अमित शाह भी सदन में मौजूद रहे।
नए गौरक्षा बिल में सख्त प्रावधान: गुजरात में पशु संरक्षण अधिनियम – 1957 के तहत गायों और बछड़ों की हत्या अपराध है। अगर नया विधेयक कानून में तब्दील होता है तो अधिनियम में सजा के प्रावधान और भी कठोर हो जाएंगे।
माना जा रहा है कि नए संशोधनों में अवैध रूप से गायों की हत्या करने वालों की सजा बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है। फिलहाल ये सजा 3 से 7 साल है। इसके अलावा कानून के तहत जुर्माने को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव है।
नए विधेयक में पुलिस को अधिकार दिया गया है कि वो अवैध रूप से मवेशी ढोने वाले वाहनों को जब्त कर सके। इससे पहले ऐसे वाहनों को एफआईआर दर्ज होने के 6 महीने बाद छोड़ना होता था। सरकार की दलील है कि दुधारू पशुओं को बचाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है।
विधानसभा में अमित शाह का जोरदार स्वागत: गुजरात सरकार गौरक्षा कानून में संशोधन के साथ ही प्राइवेट स्कूल की फीस पर नियंत्रण और भूमि आवंटन संशोधन विधेयक भी पेश करेगी।
ऐसे में सरकार के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यहां नारायणपुरा से विधायक बीजेपी अध्यक्ष शाह भी विधानसभा की कार्रवाही में शरीक होने सदन पहुंचे। जहां बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। शाह दो साल के बाद सदन की कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले वह मार्च, 2015 में आखिरी बार विधानसभा सत्र में शामिल हुए थे।
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