भ्रष्टाचार के आरोप में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के इस्तीफे के बाद सहारनपुर के गुप्ता बंधु सुर्खियों में आ गए। अब उनके बारे यह खबर सामने आई है।
उत्तराखंड आगमन के दौरान जेड श्रेणी की सुरक्षा पाने को गुप्ता बंधुओं द्वारा हर माह करीब छह से सात लाख रुपये एडवांस जमा कराए जाते थे। एक माह में बामुश्किल 10 से 15 दिन उनकी आवाजाही प्रदेश में होती थी। बाकी रकम उन्हें रिटर्न कर दी जाती थी। वो कब देहरादून या प्रदेश के अन्य किसी हिस्से में आएंगे, उसकी सूचना पुलिस को पहले ही मिल जाती थी। उसी हिसाब से सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए जाते थे। जिस दिन जैकब जुमा इस्तीफा दे रहे थे, उस दिन जोहानिसबर्ग में कारोबार करने वाले अजय गुप्ता देहरादून स्थित अपनी कोठी में ही थे। तभी यह खुलासा हुआ कि गुप्ता बंधुओं को उत्तराखंड में अपने खर्च पर जेड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध है। यह सुरक्षा उन्हें 16 जून 2017 से प्राप्त थी। कांग्रेस सरकार में उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा के बदले गुप्ता बंधु पुलिस को एडवांस में हर माह छह से सात लाख रु पये उपलब्ध करा देते थे। वीवीआईपी की तरह गुप्ता बंधुओं का कार्यक्रम पहले ही पुलिस के पास पहुंच जाता था। उसी हिसाब से पुलिस गुप्ता बंधुओं को उत्तराखंड की धरती पर कदम रखते ही सुरक्षा घेरे में ले लेती थी। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के इस्तीफा प्रकरण के बाद गुप्ता बंधुओं की सुरक्षा हटाने पर गहनता से मंथन चल रहा है, क्योंकि अजय गुप्ता के खिलाफ जोहानिसबर्ग पुलिस वारंट जारी कर चुकी है।
जेड श्रेणी में यह थी सुरक्षा
दो पीएसओ (उप निरीक्षक रेंक)
एस्कार्ट में एक हेड कांस्टेबल, दो कांस्टेबल, चालक
एक चार की गार्द (एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल)
किस पर कितना भुगतान
उप निरीक्षक-2650 रुपये प्रतिदिन
हेड कांस्टेबल-2350 रुपये प्रतिदिन
कांस्टेबल-1750 रुपये प्रतिदिन
गुप्ता बंधुओं की तरफ से जेड श्रेणी सुरक्षा की तरफ हर माह एडवांस रकम उपलब्ध करा दी जाती थी। सुरक्षा के दिनों के हिसाब से भुगतान लेकर बाकी रकम रिटर्न कर दी जाती थी। सुरक्षा चक्र में शामिल दारोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के वेतन की धनराशि प्रतिदिन के हिसाब से एडवांस ली जाती है।