नया-नया इंटरनेट सीखे हम भारतीयों ने व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से जब संवाद करना शुरू किया तो सबसे ज्यादा संदेश ‘शुभ प्रभात’, ‘गुड मॉर्निंग’ इत्यादि के भेजने शुरू किए।
ऐसे मैसेज भेजते हैं भारतीय
नई दिल्ली: नया-नया इंटरनेट सीखे हम भारतीयों ने व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से जब संवाद करना शुरू किया तो सबसे ज्यादा संदेश ‘शुभ प्रभात’, ‘गुड मॉर्निंग’ इत्यादि के भेजने शुरू किए। लेकिन हमने कभी गौर नहीं किया कि यह संदेश हमारे स्मार्टफोन की मेमोरी को खा जाते हैं और उनमें नए संदेश इत्यादि के लिए जगह कम पड़ जाती है।
गूगल ने की पड़ताल
यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से सामने आयी है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार गूगल ने इस समस्या की खोज की और पड़ताल करने पर उसने पाया भारत में करोड़ों लोग पहली बार इंटरनेट का उपयोग करना सीख रहे हैं और अपने शुरुआती संदेशों में वह सबसे ज्यादा ‘गुड मॉर्निंग’ इत्यादि तरह-तरह के संदेश भेजते हैं जिनमें सूरजमुखी के फूल, सूर्योदय, मासूम बच्चे, पक्षियों और सूर्यास्त की तस्वीरें साझा करते हैं।
इसलिए आया ‘स्टेटस’ फीचर
रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच सालों में गूगल पर ‘गुड मॉर्निंग’ से जुड़ी तस्वीरें खोजने की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है। इस समस्या से निजात पाने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप ने भी पिछले साल ‘स्टेटस’ की सुविधा शुरु की थी।
जिससे लोग अपने सभी संपर्कों को एक ही बार में ‘गुड मॉर्निंग’ बोल सकें। यह संदेश 24 घंटे बाद स्वत: मिट भी जाता है। उल्लेखनीय है कि यह दोनों एप इस तरह के संदेशों के लिए सबसे ज्यादा उपयोग की जाती हैं और भारत में इनके 20 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोक्ता है।
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