अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वीजा को लेकर एक नया फैसला लिया है. नए नियमों में एच-1बी और एल1 जैसी गैर-अप्रवासी वीजाओं के नवीनीकरण को और मुश्किल कर दिया गया है. इस फैसले से भारत के आईटी प्रोफेशनल्स पर व्यापक असर पड़ेगा.
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एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने अपनी 13 साल से ज्यादा पुरानी नीति को खत्म करते हुए कहा कि योग्यता साबित करने के लिए सबूत पेश करने का दबाव भी आवेदकों पर रहेगा. USCIS के मुताबिक, 23 अप्रैल 2004 के पिछले नियम में यह बोझ फेडरल एजेंसी पर पड़ता दिखता था.
USCIS ने 23 अक्टूबर को जारी अपने ताजा आदेश में कहा है कि नए नियम के तहत सबूत पेश करने की जिम्मेदारी याचिकाकर्ता की है, भले ही गैर-अप्रवासी के दर्जे के विस्तार की मांग की गई हो’. साथ ही पिछली नीति के तहत अगर कोई व्यक्ति शुरुआत में कामकाजी वीजा के लिए योग्य पाया जाता है तो उसके वीजा विस्तार के लिए सामान्य तौर पर विचार किया जाएगा.
नई नीति के तहत हर बार विस्तार के दौरान उन्हें संघीय अधिकारियों के सामने प्रमाणित करना होगा कि वे अब भी उस वीजा के लिए पात्र हैं जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया है.
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विलियम स्टॉक ने कहा कि यह बदलाव पहले से इस देश में रह रहे लोगों पर भी लागू होगा. यानी ये आदेश सिर्फ नये वीजा आवेदकों के लिए नहीं है.
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