ये पत्र सारे सीडीएससीओ के जोनल और सब-जोनल ऑफिसों जैसे छत्तीसगढ़, गोआ, दमन और दीव, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भेजा गया। भारत में दवाओं पर निगरानी राज्यों के लाइसेंस्ड अथॉरिटी के साथ ही सीडीएससीओ द्वारा भी किया जाता है।
गोवा के लाइसेंस्ड अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें अभी तक ये भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि अगर हमारे सामने दवा के खिलाफ कोई मामला सामने आता है तो हम इस पर क्या कार्रवाई करेंगे।
आपको बता दें कि 10 मार्च को अक्टूबर 2015 में बनी कॉम्बीफ्लेम बैच नंबर A151195 सीडीएससीओ की जांच में फेल हो गई थी। इस दवा के परीक्षण में जांचा गया था कि ये दवा निर्धारित समय में ब्लड में घुल पाती है या नहीं, जिसमें ये दवा फेल हो गई थी।
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