दिल्ली मेट्रो के किराये पर छिड़ी जंग के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह को परोक्ष तौर पर चेतावनी दी है कि वह डीएमआरसी बोर्ड की बैठक में दिल्ली सरकार का पक्ष रखने के लिए बाध्य हैं।PM मोदी से शादी की तमन्ना लेकर जंतर-मंतर पर इस महिला ने किया प्रदर्शन
अगर दिल्ली सरकार को लगेगा कि इस मामले में अगर कोई ढिलाई बरती गई तो सरकार डीएमआरसी एक्ट के अनुसार कार्रवाई करेगी। इस बारे में शुक्रवार को दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने डीएमआरसी चेयरमैन को एक पत्र भी लिखा है। इसमें डीएमआरसी प्रबंधन निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया व जिम्मेदारियों का भी जिक्र है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि एक्ट के अनुसार, डीएमआरसी बोर्ड में दिल्ली सरकार पांच निदेशक नामित करती है। केंद्र सरकार से चर्चा करके दिल्ली सरकार ही डीएमआरसी चेयरमैन को भी बोर्ड में भेजती है। यह पांच निदेशक में से एक होता है।
परिवहन मंत्री ने पत्र में लिखा है कि अगर किसी भी समय दिल्ली सरकार को लगेगा कि अगर उसकी राय को सही संदर्भ में बोर्ड बैठक में नहीं लिया गया तो एक्ट के प्रावधानों के अनुसार काम करने को मजबूर होगी। पत्र में हालांकि सरकार ने सीधे तौर पर कार्रवाई की बात नहीं की है। वहीं, दिल्ली सरकार आधिकारिक तौर पर इस पत्र को चेतावनी पत्र नहीं मान रही है।
बता दें कि दिल्ली सरकार किराया निर्धारण समिति के उस फैसले का विरोध कर रही है, जिसमें 10 अक्तूबर को दिल्ली मेट्रो का किराया दोबारा बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखा है।
वहीं, दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि पांचों निदेशक के साथ इस मसले पर चर्चा करें। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक हो गई है। किराया बढ़ोतरी के संदर्भ में ही दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को मंगू सिंह को पत्र लिखा है। इसमें डीएमआरसी प्रबंध निदेशक के दायित्व बताए गए हैं।