राजधानी में जल्द ही बिजली की दरों में वृद्धि हो सकती है। बिजली की कीमत तय करने वाली एजेंसी दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) का बिजली की दरें बढ़ाने कार्य का अंतिम दौर में पहुंच चुका है।
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दरअसल बिजली आपूर्ति करने वाली तीनों निजी कंपनियों ने अपने खातों में करोड़ों का घाटा दिखाया है। उसके आधार पर उन्होंने बिजली की दरों में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, डीईआरसी में बिजली कंपनियों की दरों में बढ़ाने की मांग चल रही है और जांच का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। कंपनियों के दावों की जांच होते ही अगले कुछ दिनों में बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला हो जाएगा।
बीएसईएस ने वर्ष 2017-18 में 1063 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया
बिजली का बिल
बिजली की दरों में अंतिम बार वर्ष 2014 में बढ़ोतरी हुई थी। इसी के मद्देनजर बिजली कंपनियां दलील दे रही हैं कि चार साल में बिजली की खरीद की कीमत में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उसके मुताबिक दिल्ली में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सूत्रों के अनुसार, उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनी टीपीडीडीएल ने सबसे ज्यादा घाटा होने का दावा किया है। टाटा पावर की कंपनी ने वर्ष 2017-18 में 1355 करोड़ के घाटे की बात की है, जबकि दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनी बीएसईएस राजधानी ने वर्ष 2017-18 में 1063 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है।
वहीं पूर्वी दिल्ली में बिजली वितरित कर रही बीएसईएस यमुना ने वर्ष 2017-18 में उसे 523 करोड़ का नुकसान होने का दावा किया है। सूत्र बताते हैं कि टीपीडीडीएल ने अपने इलाके में बिजली दरों में लगभग 20 फीसदी बढ़ोतरी की मांगी की है।
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